रविवार का दिन भगवान सूर्य की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से और मंत्रों का जाप करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सूर्य देव की भांति भाग्य का भी उदय होता है। लेकिन कई बार कुंडली में सूर्य संबंधित दोष उत्पन्न होने के कारण व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिस कारण से न केवल आर्थिक और मानसिक रूप से परेशानियां उत्पन्न होती हैं, बल्कि आत्मविश्वास और भाग्य के क्षेत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में रविवार के दिन सूर्य कवच स्तोत्र का पाठ करने से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
सूर्य कवच
श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्।
शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।।
देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम।
ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत्।।
शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:।
नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर:।।
ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं वेद वाहन:।
जिव्हां में मानद: पातु कण्ठं में सुर वन्दित:।।
सूर्य रक्षात्मकं स्तोत्रं लिखित्वा भूर्ज पत्रके।
दधाति य: करे तस्य वशगा: सर्व सिद्धय:।।
सुस्नातो यो जपेत् सम्यग्योधिते स्वस्थ: मानस:।
सरोग मुक्तो दीर्घायु सुखं पुष्टिं च विदंति।।
सूर्य प्रार्थना मंत्र
ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
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