फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी के रूप में जाना जाता है। रंगभरी या आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के बीच में आती है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार, यह एकादशी फरवरी या मार्च के महीने में आती है। इस साल रंगभरी एकादशी 2 मार्च से प्रारंभ हो जाएगी। ऐसे में भक्तों के बीच असमजंस की स्थिति है कि आखिर 02 या 03 मार्च 2023 कब रखें एकादशी व्रत। आप भी जानें रंगभरी या आमलकी एकादशी कब है?
रंगभरी एकादशी पर बन रहे सौभाग्य व शोभन योग-
रंगभरी एकादशी के दिन सौभाग्य व शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग 03 मार्च को शाम 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग प्रारंभ होगा। मान्यता है कि शोभन व सौभाग्य योग में किए गए कार्य सफल होते हैं।
रंगभरी या आमलकी एकादशी कब है?
02 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से एकादशी प्रारंभ होगी जो कि 03 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में व्रत उदया तिथि में मान्य होते हैं। ऐसे में पंचांग के अनुसार, रंगभरी या आमलकी एकादशी 03 मार्च 2023 को रखना शुभ रहेगा।
हरिवासर में ही करें एकादशी व्रत पारण-
एकादशी व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी होता है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।
रंगभरी या आमलकी एकादशी 2023 व्रत का पारण कब करें?
रंगभरी एकादशी व्रत का पारण 04 मार्च को किया जाएगा। व्रत खोलने का शुभ समय 04 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट तक है। पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 11 बजकर 43 मिनट है।