जयपुर:राजस्थान के मुख्यंत्री अशोक गहलोत ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से साफ कह दिया है कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना कैसे उचित ठहराया जा सकता है। जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा। उनका हक मारना उचित है क्या। भाजपा के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं। यह कभी राजस्थान की परंपरा नहीं रही है। मैं इसकी निंदा करता हूं। बता दें मंगलवार को गहलोत के दो मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और शकुंतला रावत पायलट के आवास पर धरने पर बैठे पुलवामा हमले के विधवाओं से मिलने पहुंचे थे। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मांगे मानने का आश्वासन दिया था। इसके बाद देर रात सीएम गहलोत ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि शहीदों के बच्चों का हक मारकर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देना भला कैसे उचित ठहराया जा सकता है? ऐसे में जब शहीद के बच्चे बालिग होंगे तो उन बच्चों का क्या होगा? उनका हक मारना उचित है क्या?
वीरांगनाओं के परिजन अनुचित दबाल डाल सकते हैं
सीएम गहलोत ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम शहीदों और उनके परिवार का उचित सम्मान करें। शहीद हेमराज मीना की पत्नी उनकी तीसरी मूर्ति एक चौराहे पर स्थापित करवाना चाहती है। जबकि पूर्व में शहीद की दो मूर्तिया राजकीय महाविद्यालय सांगोद के प्रांगण तथा उनके पैतृक गांव विनोद कलां स्थित पार्क में स्थापित की जा चुकी हैं। शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी देवर के लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही है। लांबा के भाई को नौकरी दे दी जाती है तो आगे सभी वीरांगनाओं के परिजन अनुचित दबाव डालने लग सकते हैं। कारगिल पेकेज के तहत शहीद की पत्नी को 25 लाख रूपये और 25 बीघा भूमि या हाऊसिंग बोर्ड का मकान दिया गया। पुलवामा हमले के लिए शहीदों के लिए संभवत ऐसा पैकेज देश में कहीं नहीं है। सीएम गहलोत ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान मैं स्वंय राजस्थान के 56 शहीदों के घर जाकर उनके परिवारों के दुख में शामिल हुआ।
वीरांगना की तबीयत बिगड़ी
मंगलवार देर शाम राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर धरने पर बैठी एक वीरांगना की तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची एंबुलेंस में वीरांगना को बिठाकर इलाज किया गया। वहीं, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एसपी योगेश गोयल पायलट निवास स्थित धरने स्थल पहुंच वार्ता के लिए गए थे। फिलहाल वीरांगना का इलाज जारी है। बता दें सोमवार से तीन वीरांगनाएं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइंस स्थित निवास के बाहर धरने पर बैठी थीं। मंगलवार को एक ओर जहां देश समेत पूरे प्रदेश में लोग बाग होली की मस्ती में मदमस्त थे तो दूसरी ओर धरने पर बैठी वीरांगनाएं अपनी मांगों और न्याय की आस में धरने पर डटी रहीं।