एकादशी का व्रत सभी उपवास-व्रत में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है जो व्यक्ति व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करता है। उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही धन, आरोग्य, और मोक्ष मिलता है। वैदिक पंचां के अनुसार इस साल पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और उपाय…
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 मार्च को रात 2 बजकर 7 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन 18 मार्च को सुबह 11 बजकर 12 मिनट पर इसका अंत होगा। मतलब उदयातिथि को आधार मानते हुए पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च को रखा जाएगा। साथ ही इस व्रत का पारण 19 मार्च को होगा।
पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 18 मार्च को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और 9 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। मतलब इस बीच में भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जा सकती है। वहीं पारण का समय 19 मार्च को सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 09 मिनट पर होगा।
शास्त्रों के अनुसार पापमोचनी एकादशी के व्रत रखने से सात जन्मों का पाप नष्ट होता है। साथ ही इ इस दिन व्रत रखने से सांसारिक सुखों को भोगने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही एकादशी का व्रत नियमित करने से व्यक्ति के मन से राग, द्वेष और चंचलता चली जाती है।
एकादशी पर करें ये उपाय
1- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और केले के पौधे में जल डालें। ऐसा करने से भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
2- भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें। साथ ही पीले फूल अर्पित करें। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होगी और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
3- पूजा के समय श्रीमद्भगवदगीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें। जिससे आपको मन शुद्ध होगा।
4- वहीं 108 बार ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें। साथ ही एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।