देहरादून:बदरीनाथ, केदारनाथ धाम के बाद अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए भी पंजीकरण शुरू कर दिए हैं। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश-यूपी, मध्य प्रदेश-एमपी, राजस्थान, गुजरात सहित देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर जा सकेंगे। बता दें कि चार धाम यात्रा पर जाने से पहले तीर्थ यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन को कराना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी तीर्थ यात्रियों को चारों धामों में दर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार की ओर से व्हैटसएप सहित चार विकल्पों से तीर्थ यात्री चार धाम में जाने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। पहले चरण में 21 फरवरी से सिर्फ बदरीनाथ और केदारनाथ धाम लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन अब श्रद्धालु चारों धामों में पंजीकरण करा सकते हैं। अब तक चारों धामों में पंजीकरण कराने वालों की संख्या 410928 हो गई है।
आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुलेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 22 अप्रैल को खुलेंगे। 22 मार्च को पहले नवरात्र के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का भी समय तय हो जाएगा। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को ही पड़ रही है। दो दिन के भ्रम वाली स्थिति इस बार नहीं होगी।
चारों धामों व्हाट्सअप सहित चार विकल्पों से कराएं पंजीकरण
यात्रियों को आधार कार्ड के साथ यात्रा करनी होगी। पंजीकरण में भी आधार कार्ड नंबर दर्ज करना होगा। यात्री वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे। व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा। टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा।
गाड़ियों के लिए यहां करें पंजीकरण
बाहर से आने वाले वाहनों के लिए greencard.uk.gov.in पर पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इस वेबसाइट पर पंजीकरण ग्रीन कार्ड बनाए जा सकते हैं। ग्रीन कार्ड चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी कमर्शियल वाहनों का बनता है। इसमें वाहन और ड्राइवर के ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी होती है, इसके बाद सभी कागजात साथ में रखने की जरूरत नहीं होगी।
वाहन का तकनीकी और भौतिक दशा का निरीक्षण करने के बाद यह कार्ड दिया जाएगा। अप्रैल प्रथम सप्ताह से ग्रीन कार्ड बनने शुरू होंगे। इसके साथ ही ट्रिप कार्ड बनेंगे। ट्रिप कार्ड में यात्रियों का पूरा डिटेल होगा।
चारधाम यात्रा रूट पर स्वास्थ्य को लेकर मरीज न लें टेंशन
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है। चार धाम यात्रा रूट पर डॉक्टरों की कमी को दूर करने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने जोरदार प्लान बनाया है। यही नहीं, विशेषज्ञ डॉक्टरों को बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में तैनात किया जाएगा ताकि आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराकर उनकी जान बचाई जा सके।
दिल, सांस व बुजुर्गों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
चारधाम में पंजीकरण के बिना नहीं होंगे दर्शन
यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा-2023 करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि सरकार द्वारा यात्रा पर जाने से पहले रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा सख्ती दिखाते हुए रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी तीर्थ यात्री को चारधाम जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यात्रियों के पंजीरकरण करने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति भी बनाई है। देश-विदेश से चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने व्हाट्सएप सहित चार माध्यमों से पंजीकरण करने की सुविधा दी है।
चार धाम यात्रा रूट पर 91 किमी पर मोबाइन कनेक्टिविटी समस्या
बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा रूट पर मोबाइल कनेक्टिविटी बहुत बड़ी समस्या है। मोबाइल फोन में टावर नहीं होने से तीर्थ यात्री अकसर परेशान हो जाते हैं। यात्रा रूट पर करीब 91 किमी पर मोबाइल टावर की समस्या है। इसको देखते हुए, प्रधानमंत्री कार्यालय ने बीएसएनएल को चुनिंदा इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी को ठीक करने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।
यहां हो सकती है होगी मोबाइन नेटवर्क की परेशानी
चार धाम यात्रा रूट पर बद्रीनाथ मार्ग पर अलग- अलग कुल 30 किमी मार्ग डार्कजोन में आता है। इस रूट पर हनुमानचट्टी से देवदर्शनी मोड तक का 15 किमी मार्ग का हिस्सा शामिल है। इसी तरह केदारनाथ मार्ग पर जंगलचट्टी के पास चार किमी हिस्सा, गंगोत्री में सुक्खीटॉप के निकट का 35 किमी हिस्से में भी कनेक्टिविटी नहीं है। यमुनोत्री में धाम सहित मार्ग पर यही स्थिति है, हालांकि धाम में बीएसएनएल का सेटेलाइट आधारित टॉवर है।