खूंटी:झारखंड भीषण गर्मी में तप रहा है। खूंटी में पारा 40 के पार है। गर्मियों की शुरुआत में ही पूरा झारखंड पेयजल संकट से जूझ रहा है। ऐसे में खूंटी के लोगों ने पानी के लिए जमकर पसीना बहाया। ऐसे समय में जबकि लू के थपेड़ों की वजह से लोग घरों में कैद रहना ही मुनासिब समझ रहे हैं, खूंटी के एक गांव में लोग झुलसाने वाली धूप के बीच पानी बचाने के जतन में लगे थे। वाकया, खूंटी जिला के मुरहू प्रखंड अंतर्गत जामटोली गांव का है। यहां मंगलवार को ग्रामीणों ने बनई नदी में 200 फीट लंबा बोरीबांध बनाया। इसके लिए गांव के महिला, पुरुष और बच्चे सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम में जुटे थे। बोरीबांध का निर्माण श्रमदान से किया गया। दिलचस्प बात यह है कि जामटोली झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री और झारखंड के वरिष्ठ बीजेपी नेता नीलकंठ सिंह मुंडा का पैतृक गांव है।
बोरीबांध निर्माण में शामिल रहे ग्रामीण सुखदेव मुंडा ने बताया कि इससे अच्छा जल संचयन हुआ है। ग्रामीणों को नहाने, सिंचाई और मवेशियों के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। सुखदेव मुंडा ने बताया कि महज 48 घंटे में बोरीबांध में पानी भर जाएगा। बांध को बहते स्त्रोतों से पानी मिलेगा। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि बनई नदी में घाघरा से गानालोया तक बालू माफिया सक्रिय हैं। यहां प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू का खनन होता है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बालू खनन की वजह से नदी की सतह कम से कम 10 फीट नीचे चली गई है। इसकी वजह से नदी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। बताया कि बोरीबांध के निर्माण से उम्मीद है कि खनन पर भी रोक लगेगी और हमारे इस्तेमाल के लिए पानी बचेगा।
बता दें कि बनई नदी सोमवार तक महज एक पतली धार की तरह बह रही थी लेकिन बोरीबांध बनने से बड़ा इलाका लबालब पानी से भर गया है। खूंटी जिले में जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसायटी और ग्राम पंचायतों के सामूहिक प्रयास से जनशक्ति से जलशक्ति कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नदी बचाओ अभियान भी चलाया जा रहा है।