नई दिल्ली:करीबी एक महीने से पहलवानों का प्रदर्शन जारी है, जिसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने पहलवानों को जंतर मंतर से हटा दिया था। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने मेडल बहाने पहुंचे थे लेकिन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के अनुरोध के बाद पदक विसर्जन कार्यक्रम पांच दिनों के लिए स्थगित कर दिया। इस बीच पहलवानों के सपोर्ट में अब यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) आगे आया है। पहलवानों की सर्वोच्च संस्था UWW ने भारतीय कुश्ती संघ को बर्खास्त करने की धमकी दी है। बता दें कि अनेक भारतीय पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे हैं, जिनपर खिलाड़ियों का यौन शोषण करने के आरोप हैं।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने मंगलवार को बयान जारी कर पुलिस कार्रवाई और पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा की। पुलिस ने 28 मई को जंतर मंतर से 100 से अधिक महिला-पुरुष पहलवान और उनके समर्थकों को हिरासत में लिया था। हालांकि, देर शाम पहले सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया। उसके बाद अन्य पहलवानों को छोड़ा।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने ने कहा कि हालिया घटना चिंताजनक है। यह और भी ज्यादा चिंताजक है कि पहलवानों को धरना देने के लिए पुलिस द्वारा अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया। जिस स्थान पर वे एक महीने से विरोध कर रहे थे, उस जगह को भी प्रशासन ने साफ कर दिया। UWW पहलवानों के साथ इस तरह के व्यवहार और हिरासत में लिए जाने की कड़ी निंदा करता है। अब तक हुई जांच पर भी निराशा व्यक्त करता है। UWW संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है। अगर 45 दिन के अंदर भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव नहीं हुए तो ऐसे में उसे सस्पेंड किया जा सकता है।
बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल हरद्विार स्थित हर की पौड़ी पर गंगा में बहाने का एलान किया था। हाल ही में पहलवानों ने कहा कि मेडल उनकी जान और आत्मा हैं। इनके गंगा में बह जाने के बाद उनके जीने का भी कोई मतलब रह नहीं जाएगा इसलिए वे इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अंदर से ऐसा महसूस कर रहे हैं कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है।