नई दिल्ली:रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम अपने 10 साल के आईसीसी ट्रॉफी के इंतजार को खत्म करने के इरादे से उतरेगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के ‘द ओवल’ में 7 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा। भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना पिछला आईसीसी खिताब 2013 में जीता था। टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। हालांकि इसके बाद भारतीय टीम कई नॉकआउट मैचों के दबाव को झेलने में विफल रही। 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा। 2019 में वनडे वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल और फिर 2022 में टी20 विश्व कप में इंग्लैंड ने सेमीफाइनल से बाहर का रास्ता दिखाया था। दो साल पहले डब्ल्यूटीसी के पहले फाइनल में टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। वहीं पिछली बार टेस्ट चैंपियशिप फाइनल का हिस्सा रहे रवि शास्त्री का मानना है कि टीम में आईसीसी खिताबी सूखे को समाप्त करने की क्षमता है और यह भी कहा कि आगामी डब्ल्यूटीसी फाइनल में दोनों टीमें जीत की दावेदार हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा, ”आपको मुकाबला करना है, कई बार आपको किस्मत का साथ भी चाहिए होता है। मैं नहीं कहूंगा कि हमने अच्छा क्रिकेट नहीं खेला। हमने बहुत अच्छा क्रिकेट खेला है। मैंने हमेशा कहा है, ये टीम आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए काफी अच्छी है। जब मैं वहां था, मैं तब यही चीज कहता था। विशेष रूप से पिछले 3-4 वर्षों में, मुझे लगा कि टीम आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए काफी अच्छी है, वे खिलाड़ी अब भी वहीं हैं।”
पूर्व कोच ने कहा, ”सभी कह रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया पसंदीदा है क्योंकि हम इंग्लैंड में खेल रहे हैं। लेकिन ये सिर्फ एक टेस्ट है। सिर्फ एक खराब दिन आपके मौके को खत्म कर सकता है। ऑस्ट्रेलिया को भी सावधान रहना होगा।