नई दिल्ली:चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत समेत कई देशों के लिए समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना काफी अहम हो गया है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बुधवार को कहा कि मौजूदा संदर्भ में किसी एक देश के लिए समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना लगभग असंभव है। उन्होंने आगे कहा कि समान विचारधारा वाले देशों को उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की वकालत करते हुए एडमिरल आर हरि कुमार कहा, “हम एक प्रतिस्पर्धी वर्तमान में हैं और अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।’ नौसेना प्रमुख रायसीना डायलॉग में एक इंटरैक्टिव सत्र में बोल रहे थे। इसमें अमेरिका, जापान समेत कई और देशों की सेना का अधिकारी शामिल थे।
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने कहा कि चीन और रूस के बीच दोस्ती की कोई सीमा नहीं है, जो कि बहुत ही चिंता का विषय है क्योंकि इनके सुरक्षा निहितार्थ हो सकते हैं। अमेरिकी कमांडर ने कहा कि नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) यूक्रेन के खिलाफ रूसी कार्रवाइयों को देखते हुए अपनी ताकत बढ़ा रहा है, और सुझाव दिया कि हिंद-प्रशांत के लिए भी इस तरह के एक मॉडल तैयार किया जा सकता है।
एडमिरल एक्विलिनो ने कहा कि समान विचारधारा वाले देशों को सामूहिक रूप से सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सभी प्रकार की प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय शक्ति का उपयोग करना चाहिए। यूक्रेन पर रूसी हमले को अपने जीवनकाल में सबसे खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा, हमें तत्परता के साथ तैयारी करने की जरूरत है। कमांडर ने कहा कि हिंद-प्रशांत के देशों को जबरदस्ती से निपटने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।