नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीआज मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया। पीएम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में न्यायपालिका और सरकार का दायित्व अब बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल पूरा करेगा तब हम कैसा देश चाहते हैं उसपर इस सम्मेलन में बात होनी चाहिए और यहां से उसकी पटकथा लिखी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट की संख्या बढ़ाने और रिक्तियों को बढ़ाने की भी इस दौरान बात कही।
पीएम के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति एनवी रमना और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वहीं सभी 25 हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
यह सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण
पीएम ने इस दौरान कहा कि राज्य के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस अवसर पर मैं आप सबके साथ कुछ समय बिता पाया हूं।
रिजिजू बोले-सबका साथ सबका विकास के साथ सबको मिलेगा न्याय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के साथ सबको न्याय दिलाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसी के साथ सभी राज्यों से आए मुख्यमंत्रियों और सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, आप सबके साथ मिलकर काम करने से ही आम लोगों को न्याय मिलने की संभावना बढ़ सकती है।
छह साल बाद सम्मेलन आयोजित
छह साल बात आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए न्याय के सरल वितरण के लिए रूपरेखा तैयार करने और न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा हो रही है। इसके साथ ही न्यायपालिका से जुड़ी इमारतों के लिए ‘नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथारिटी आफ इंडिया’ के गठन का मुद्दा भी इसमें उठ सकता है।
CJI रमना ने रिक्तियों का मुद्दा उठाया
इससे पहले शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 39वें सम्मेलन की अध्यक्षता की। रिक्तियों के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए, CJI रमना ने कहा, “हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण, हम एक वर्ष से भी कम समय में विभिन्न उच्च न्यायालयों में 126 रिक्तियों को भर सकते हैं। हम 50 और नियुक्तियों की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं सरकार ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत अदालती प्रक्रियाओं में बुनियादी ढांचे में सुधार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए कई पहल की गई हैं।
1953 में पहला सम्मेलन हुआ था आयोजित
पहला मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन नवंबर 1953 में आयोजित किया गया था और अब तक 38 ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं। पिछला सम्मेलन वर्ष 2016 में आयोजित किया गया था। वहीं मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन और मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन दोनों को सीजेआई रमण की पहल पर अब छह साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है।