कोटा:पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड हरिद्वार उत्तराखंड के निदेशक और योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कोटा की अदालत ने शुक्रवार को विशेष आदेश देते हुए मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश अपर सेशन न्यायालय ने परिवादी की निगरानी याचिका को मंजूर करने के बाद दिए हैं। यह पूरा मामला पतंजलि के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने में धोखाधड़ी के आरोप को लेकर है।
साल 2020 में लगाई थी पहली याचिका
पीड़ित के वकील लोकेश सैनी ने बताया कि परिवादी नीरज तिवारी ने साल 2020 के जुलाई माह में एसीजेएम 5 में योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत का इस्तगासा पेश किया था। जिसे 13 जुलाई को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद परिवादी ने कोर्ट के आदेश के खिलाफ डीजे कोर्ट में निगरानी याचिका पेश की थी। जिसे सुनवाई के लिए डीजे कोर्ट में अपर सेशन न्यायालय क्रम एक में भेज दी। जिसके बाद कोर्ट में सुनवाई कर योग गुरु बाबा रामदेव को नोटिस जारी किए है। इसके साथ ही गुमानपुरा थाने में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने और जांच के आदेश दिए हैं।
प्रोडक्ट में धोखाधड़ी का है मामला
परिवादी नीरज कोर्ट में पेश किए गए इस इलाके में आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड के उत्पादों को खरीद कर उनका उपयोग किया जा रहा है। इन उत्पादों पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में कटौती किए जाने के बावजूद भी बाबा रामदेव की कंपनी दरों में कटौती नहीं करती। जिसका नुकसान परिवादी और अन्य ग्राहक को हो रहा है और उनके साथ छल कपट और धोखाधड़ी भी हुई है। जिसके बाद परिवादी ने बाबा रामदेव के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 में प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी।
परिवादी ने बताया कि उसके और अन्य ग्राहकों के साथ हो रही धोखाधड़ी के मामले में 16 मई 2020 को बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस भेजा गया था। जिसका जवाब परिवादी को नहीं मिला। इसके बाद परिवादी ने शहर एसपी को शिकायत दी थी। लेकिन शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद परिवादी को आखिरकार कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।