पटना:पूर्व उप मुख्यमंत्री व भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार में मुख्यधारा के चार दलों के अलावा किसी नई राजनीतिक मुहिम का कोई भविष्य नहीं है। लोकतंत्र में किसी को भी राजनीतिक प्रयोग करने या दल बनाने की पूरी आजादी है, इसलिए देश में सैंकड़ों दल पहले से हैं। अब इस भीड़ में यदि कोई अतिमहत्वाकांक्षी व्यक्ति एक नई नहर बनाना चाहता है, तो इससे सदाबहार नदियों को क्या फर्क पड़ेगा?
पीके की घोषणा पर ट्वीट कर दी गई अपनी प्रतिक्रिया में सुशील मोदी ने कहा कि जनता के मन-मस्तिष्क में गहरे स्थापित किसी राजनीतिक दल के लिए चुनावी रणनीति बनाना, नारे-पोस्टर, घोषणापत्र आदि बनाने में किसी पार्टी की मदद करना या इस अभियान को बहुत पेशेवर ढंग से पूरा कर लेना एक बात है, लेकिन करोड़ों लोगों की आकांक्षा पर खरे उतरने वाली राजनीति करना बिल्कुल अलग बात है। कहा कि जिनको वर्षों तक अलग-अलग पार्टी के साथ अलग-अलग राज्यों में काम के बावजूद जनता के मुद्दे समझ में नहीं आये, वे अब अकेले क्या तीर मार लेंगे?
सबको राजनीति करने का हक : उपेन्द्र कुशवाहा
प्रशांत किशोर की ओर से राजनीतिक मुहिम शुरू करने के सवाल पर जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि किसी को भी हक़ है कि वो राजनीति करे। प्रशांत किशोर भी राजनीति कर रहे हैं तो उनका स्वागत है।
प्रशांत किशोर और जदयू के बीच क्या भविष्य में कोई तालमेल हो सकता है, के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि अगर वैसी कोई स्थिति होती है तो किसी के लिए मना थोड़े ही होता है। किसी की उपयोगिता अगर उस समय दिखती है तो पार्टी फ़ैसला लेती है। प्रशांत किशोर को लेकर भी पार्टी देखेगी और कोई फ़ैसला लेगी। प्रशांत किशोर तो पहले जदयू के साथ थे ही। पता नही क्यों तब चले गए थे। लेकिन फ़िलहाल उनको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
बिहार का बच्चा-बच्चा चाणक्य : रेणु देवी
उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने प्रशांत किशोर के नए अभियान पर कहा कि प्रशांत किशोर बाहर से जन्म लेकर बिहार आए हैं। वे चाणक्य नीति की बात करते हैं। जबकि बिहार का बच्चा-बच्चा चाणक्य है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर पर चुटकी ली है। कहा कि बिहार के बेटे हैं, बिहार में आए हैं, बिहार की जनता के बीच काम करिए। जनता के बीच जाइए। कहा कि राजनीति में जो लम्बे समय तक संघर्ष किया है वही जनता का प्रिय हुआ है। लेकिन सिर्फ़ आकर राजनीति करने वालों को जनता की नाराज़गी झेलनी पड़ी है।