जातिगत समीकरण साधने की कवायद
राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव से पहले अपनी जाति को याद कर जाति कार्ड खेला है। सीएम गहलोत माली समाज से आते है, जिसे सैनी भी कहा जाता है। गहलोत की जाति के 10 से 15 हजार लोग पूर्वी राजस्थान की लगभग हर विधानसभा में मिल जाएंगे। अलवर, सीकर, भरतपुर, दौसा और जयपुर के आस-पास के इलाकों में माली समाज हार-जीत का फैसला करता आया है। सियासी जानकारों का कहना है कि जब से सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान बढ़ी है, तब से ही दोनों नेताओं के लिए जातिय समीकरण खासे मायने रखते हैं। पायलट गुर्जर समाज से आते है। गुर्जर समाज के लोग सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपाल तक पायलट को सीएम के तौर पर ही देखने की चर्चा करते देखे जा सकते हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि इससे पहले सीएम गहलोत कभी जाति का उल्लेख नहीं करते थे। लेकिन अब हर बार कर रहे हैं। सैनी समाज बीजेपी को वोट करता रहा है। लेकिन सीएम गहलोत बार-बार अपनी जाति का हवाला देकर सैनी समाज को साधने की कोशिक कर रहे है। सीएम गहलोत ओबीसी समाज से आते हैं। राजस्थान में ओबीसी समाह 50 फीसदी से ज्यादा है।
सीएम का फैसला हाईकमान तय करेगा
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चौथी बार सीएम बनेंगे या नहीं, इसका फैसला पार्टी हाईकमान करेगा। सीएम गहलोत ने वकीलों के एक कार्यक्रम में कहा- मैं कई बार कह चुका हूं मुख्यमंत्री पद छोड़ दूं पर यह मुख्यमंत्री पद मुझे नहीं छोड़ रहा है। पूरा प्रदेश मुझे बर्दाश्त कर रहा है। इससे बड़ा प्रेम क्या होगा, मुझे आपने बहुत सम्मान दिया है। मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री हूं। इस पर मौजूद वकीलों ने लगाया नारा, चौथी बार गहलोत सरकार, इस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैं समझ रहा हूं आपकी भावनाएं। पूरा प्रदेश यही चाहता है। यह फैसला हाईकमान करता है। इसमें मत पड़िये आप। यह लोकतंत्र है। हमारी पार्टी में है अनुशासन है।
राजस्थान देश के लिए नजीर
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं है। पूरे प्रदेश में ऐसी योजनाएं नहीं है। उनकी सरकार हर परिवार को सामाजिक सुरक्षा देना चाहती है। पीएम मोदी को भी सामाजिक सुरक्षा के लिए कानून बनाना चाहिए। राजस्थान की योजनाएं देश के लिए नजीर है। ऐसी योजनाएं देश में कहीं भी नहीं है। सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी में सीएम फेस लायक कोई नहीं है। ऐसे में पीएम मोदी का चेहरा आगे कर रहे है। वसुंधरा राजे के चेहरे को छिपाया जा रहा है।