जयपुर:राजस्थान कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में सीएम गहलोत समर्थक माने जाने वाल एक दर्जन मंत्रा और करीब 50 विधायकों की स्थिति खराब बताई जा रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि सत्ताधारी पार्टी इस चुनाव में 70 विधायकों के टिकट काट सकती है। राजस्थान की सियासत में ट्रेंड रहा है कि सत्ताधारी दल के 15 मंत्री चुनाव हारते रहे हैं। राजस्थान में सीएम गहलोत समेत कुल कैबिनेट में 21 सदस्य शामिल है। आंकड़ों के अनुसार चाहे वसुंधरा सरकार हो या फिर गहलोत सरकार। सत्ताधारी दल के आधे से ज्यादा मंत्री चुनाव हारते रहे हैं। दूसरी तरफ सीएम गहलोत और प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने बड़े पैमाने पर टिकट काटने के संकेत दिए है।
अपनों से मिल रही है चुनौती
कांग्रेस पार्टी के आंतरिक सर्वें में भी मंत्रियों की स्थित बेहद चिंताजनक बताई जा रही है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने साफ संकेत दिए है कि जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा। चर्चा है कि जिन विधायकों को इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट से वंचित किया जाएगा। उनमें से कुछ को सरकार के सत्ता में लौटने पर बोर्ड या स्थानीय नगर निकायों में रखा जाएगा। दूसरी तरफ गहलोत के मंत्रियों के बीजेपी के अलावा अपनों से भी चुनौती मिल रही है। ऐसे में एक दर्जन मंत्रियों के टिकट खतरे में है। जबकि 50 से ज्यादा विधायकों का टिकट कटना तय माना जा रहा है। उम्रदराज कांग्रेस के विधायकों ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा भी कर दी है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, दीपेंद्र सिंह शेखावत और हेमाराम चौधरी ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। ये विधायक अपने परिजनों के लिए टिकट मांग रहे हैं।
प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने दिए संंकेत
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने पदभार संभालते ही आंतरिक सर्वे कराने की बात कही थी। पार्टी ने आंतरिक सर्वे के मुताबिक गहलोत समर्थक माने जाने मंत्री टीकाराम जूली, ममता भूपेश, रमेश मीना, भजनलाल जाटव, महेश जोशी और शुकंतला राव को अपने-अपने क्षेत्रों में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। जबकि स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना और महाराजा विश्वेंद्र सिंह संकट में दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के आंतरिक सर्वे के मुताबिक गहलोत समर्थक मंत्रियों की स्थिति बेहद नाजुक है। दूसरी तरफ पायलट समर्थक माने जाने वाले परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीना संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जबकि पायलट समर्थक माने जाने मंत्री हेमाराम चौधरी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।
इस बार पार्टी चुनाव में नया प्रयोग कर सकती है
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी चुनाव में नया प्रयोग कर सकती है। कुछ मशहूर हस्तियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कुछ प्रमुख पुरस्कार विजेताओं को चुनाव में उतारने पर भी विचार कर रही है। आगे बताया गया है कि यह फैसला पार्टी द्वारा एक महीने पहले कराए गए सर्वे के मद्देनजर लिया जा रहा है। पार्टी ने मौजूदा विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का हवाला देते हुए, इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में 60 नए चेहरों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। सूत्र ने आगे कहा कि कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में मैदान में उतारा जा सकता है, क्योंकि उनमें अपनी लोकप्रियता और अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किए गए कार्यों का हवाला देते हुए बीजेपी से मुकाबला करने की क्षमता है।