पटना:चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में एंट्री कर सकते हैं। गुरुवार को उन्होंने जन सुराज को लेकर अपने प्लान का खुलासा किया। पीके ने किसी पार्टी का ऐलान तो नहीं किया लेकिन तीन-चार महीने में ऐसा करने का संकेत जरूर दे दिया है। वे फलिहाल 2 अक्टूबर से तीन हजार किलोमीटर की पैदल पदयात्रा करेंगे। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव ने उनकी बिहार की राजनीति में एंट्री पर प्रतिक्रिया दी है।
लालू यादव दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज हो गए हैं। माना जा रहा है कि एक हफ्ते बाद वे पटना आएंगे। वहीं दिल्ली में पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री से कई विषयों पर सवाल पूछे। प्रशांत किशोर की राजनीति में एंट्री के सवाल पर लालू ने हंसते हुए कहा, ‘सारे देश से घूम आए हो, सब जगह से लोगों ने लौटा दिया है। अब वहीं पहुंचे हैं जहां उनका कोई ठिकाना नहीं रह गया है।’
खारिज की नीतीश संग सरकार बनाने की संभावना
लालू यादव से जब तेजस्वी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नदजदीकियों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे दोनों ही बता पाएंगे कि क्या हो रहा है। हालांकि उन्होंने नीतीश के साथ आने की संभावना को खारिज कर दिया। लालू ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। तेजप्रताप के नीतीश चाचा के साथ आने के दावे पर उन्होंने कहा कि वह मेरा बेटा है लेकिन हम राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इसपर फैसला हम करेंगे।
बिहार में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर बिहार में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर से होगी। इसके पहले प्रशांत किशोर 18 हजार लोगों से मिलेंगे और जन सुराज को लेकर उनसे बात करेंगे। ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिया गया है। गर सबकी सहमति बनी तो बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी का भी गठन किया जाएगा। यह बातें प्रशांत किशोर ने गुरुवार को ज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की सरकार 30 सालों तक रही। फिर भी बिहार विकास के अधिकांश मानकों पर देश में सबसे पीछे है। बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था ध्वस्त है। बिहार में एक नई व्यवस्था बनाने की जरूरत है। इसको लेकर वे आगे बढ़ेंगे।