जयपुर:राजस्थान में पहली सूची में वसुंधरा राजे के समर्थकों को तवज्जों नहीं मिली है। इससे नाराज होकर राजे समर्थकों ने बगावती तेवर दिखाए है। भरतपुर जिले की नगर से दो बार की विधायक अनिता सिंह गुर्जर ने साफ शब्दों में कहा कि वसुंधरा राजे का समर्थक होने के कारण उनका टिकट काट दिया गया है। इसी प्रकार बानसून से पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को टिकट नहीं दिया है। वह भी राजे समर्थक माने जाते हैं। जयपुर की झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत का टिकट भी काट दिया गया है। टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक अनिता सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि जो 50 हजार वोटों से हारा पार्टी ने उसे टिकट दिय गया है। लेकिन मुझे वसुंधरा खेमे के कारण दूर दिया गया है।
इसी प्रकार देवली-उनियारा से घोषित प्ऱत्याशी विजय बैंसला का विरोध तेज हो गया है। हजारों समर्थकों ने टोंक प्रभारी रमेश बिधूड़ी के सामने नाराजगी जताई है। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में जयपुर आने का आह्वान किया है। बताया जा रहा है कि वसुंधर समर्थक का टिकट काट दिया गया है। देवली-उनियारा सीट कांग्रेस के पास है। हरीश मीणा विधायक है। जो कि सचिन पायलट कैंप के माने जाते हैं।
वसुंधरा खेमे की वजह से दूर किया
पूर्व विधायक अनीता सिंह को वसुंधरा समर्थक माना जाता है। ऐसे में अनीता सिंह ने लिखा है कि वसुंधरा जी के कैंप का मनकर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है और उसे टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी, जो कामां में 50 हजार वोटों से हारा था। ऐसे में अनीता सिंह ने टिकट वितरण पर खुद की नाराजगी जाहिर कर दी है। अनीता सिंह ने लिखा है कि हमने नगर के कुशासन, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण के खिलाफ पिछले 5 सालों तक आंदोलन कर जनता की आवाज को बुलंद किया है।
अनीता सिंह ने दिखाए बागी तेवर
टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक अनीता सिंह ने बागी तेवर दिखाते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्पष्ट लिखा है कि भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो वर्ष 2018 में कामां विधानसभा सीट पर 50 हजार वोटों से हारा था। साथ ही लिखा है कि वसुंधरा राजे कैंप का मानकर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया। ऐसे में अनीता सिंह बागी बनकर चुनाव मैदान में भी उतर सकती हैं। अनीता सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि मुझे टिकट नहीं मिलने के बाद क्षेत्र से हजारों फोन आ रहे हैं और बोल रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि मैं जनता की भावनाओं का सम्मान करती हूं। मंगलवार शाम को जनता के बीच उपस्थित रहूंगी। जनता का जो भी आदेश होगा सर आंखों पर होगा। इससे स्पष्ट है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अनीता ने चुनाव लड़ने की संभावनाओं का एलान कर दिया है।
आओ फिर से साथ चलें!
बीजेपी की पहली सूची जारी होते ही वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया- प्रिय प्रदेशवासियों !चुनावों का ऐलान हो चुका है। प्रदेश की जनता ने पिछले पांच वर्षों में बहन-बेटियों का उत्पीड़न, हर रोज निर्दोषों की हत्याएं, आए दिन गरीबों व दलितों पर अत्याचार, बार-बार पेपर लीक से व्यथित युवाओं की पीड़ा को देखा है। कांग्रेस के इस कुशासन से हर वर्ग आहत हुआ है। हर तरफ खौफ और दहशत का माहौल है। कोई सुनने वाला नहीं है। इसलिए अब समय आ गया है कि आप सब राजस्थान में बदलाव के संकल्प को पूरा करें तथा अपने वोट की ताकत से नाकारा कांग्रेस सरकार को विदा करें। सर्व विदित है कि भारतीय जनता पार्टी ने सदैव अंत्योदय के पथ पर चलते हुए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सब का प्रयास के ध्येय पर काम किया है। इसी ध्येय वाक्य को अपनाते हुए मा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में विकास के कीर्तिमान कायम कर दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा को शिखर पर पहुंचाया है। हमारी भाजपा सरकार ने भी इसी प्रतिज्ञा के साथ प्रदेश की सेवा की थी। इसीलिए आज सब लोग हमारी सरकार के विकास को याद कर फिर से कमल खिलाने को आतुर हैं। इसलिए आओ! फिर से आपके और हमारे सपनों का राजस्थान बनाने के लिए भाजपा को चुने, जो सब की सुने। जय-जय राजस्थान।
बीजेपी ने रखा जातिय समीकरणों का ध्यान
हिंदुत्व के रथ पर सवार बीजेपी ने राजस्थान में जातीय समीकरण की फसल काटने की कोशिश की है। बीजेपी ने 41 उम्मीदवरों की सूची जारी की है उनमें जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है। पहली सूची में ओबीसी वर्ग को बड़ी संख्या में टिकट दिए गए है। इसमें 25 अनारक्षित सीटों में से 60 प्रतिशत यानी 15 सीटों पर ओबीसी वर्ग का उम्मीदवार उतारा है। कुल 41 सीटों में से 8 पर जाट, 4 पर राजपूत, 4 पर गुर्जर, दो पर ब्राह्मण, दो पर वैश्य, एक पर यादव और एक पर सैनी कै टिकट दिया है। जबकि अन्य 16 सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। सियासी जानकारों का कहना है कि पहली सूची से साफ जाहिर है कि बीजेपी राजस्थान में इस बार क्षेत्रवार जातिगत बड़े नेताओं को अपनी तरफ लाने में बीजेपी जुटी है। बीजेपी ने 41 में से 29 उम्मदीवार नए उतारे हैं। क्षेत्रवार जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर ही टिकट बांटे गए है। किरोड़ी लाल मीणा और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को टिकट देकर बीजेपी ने पूर्वी राजस्थान की दोनों असरदार जातियों को साधा है।