मालूम हो कि कभी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के करीबी रहे मिर्ची बाबा ने अब पाला बदल लिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के लिए प्रचार किया था। कांग्रेस की सरकार बनने पर कमलनाथ ने उन्हें निगम का अध्यक्ष बना कर राज्य मंत्री का दर्जा दिया था।
बता दें कि मिर्ची बाबा हाल ही में रेप के आरोप से बरी हुए हैं। रायसेन की 28 साल की महिला ने मिर्ची बाबा पर नशीली भभूति खिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने 8 अगस्त को 2022 को भोपाल के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच के बाद बाबा के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया था और अगले दिन 9 अगस्त को ग्वालियर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 13 महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोष सिद्ध नहीं होने पर 6 सितंबर 2023 को उन्हें रिहा कर दिया।
कांग्रेस सरकार के बाद बाबा के बुरे दिन
बीजेपी सरकार में गायों की रक्षा की मांग को लेकर मिर्ची बाबा ने सात दिनों तक अनशन किया था। लेकिन सरकार ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। बाद में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा गौमूत्र और गंगाजल भेंट करने के बाद अपना अनशन ख़त्म कर दिया। कमलनाथ सरकार गिरने के बाद मिर्ची बाबा का बुरा दौर शुरू हो गया। 2022 में 29 साल की महिला ने उन पर नशीली भभूति खिलाकर रेप का आरोप लगाया। बाबा लगभग 13 महीने जेल में रहे। बाद में कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया। इस दौरान उनकी कांग्रेस सरकार से तल्खी बढ़ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस मामले में उनका साथ नहीं दिया।
अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद संशय इस बात पर है कि मिर्ची बाबा कहां से चुनाव लड़ने वाले हैं। कई जानकारों का कहना है कि वह सीएम शिवराज के खिलाफ बुधनी सीट से मैदान में उतर सकते है। जबकि कुछ का कहना है कि वह छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। इस बात की संभावना इसलिए भी है क्योंकि एमपी में कांग्रेस और सपा में तकरार है। दरअसल, सीटों के बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल में कमलनाथ ने कहा था ‘कौन अखिलेश’?