बाड़मेर:केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहाकि राजस्थान में गहलोत सरकार हर मोर्चे पर पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है। ऐसे में राहुल गांधी और अशोक गहलोत को प्रदेश की जनता की परेशानियों के बारे में चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहाकि राहुल गांधी और अशोक गहलोत को विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को चिंतन शिविर में याद करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थे।
चिंतन शिविर राजस्थान की जनता को चिढ़ाने के लिए
केंद्रीय मंत्री ने कहाकि गहलोत राज में प्रदेश की जनता से त्रस्त है। प्रदेश में न कानून-व्यवस्था है और न ही जनहित से जुड़े काम हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुशासन के कारण देश के अशांत प्रदेशों में से एक राजस्थान अपराध का सिरमौर बन रहा है। बिजली कटौती के कारण किसान एवं आमजन गर्मी की मार झेल रहा है। ऐसे में कांग्रेस का यह चिंतन शिविर राजस्थान की जनता को चिढ़ाने के लिए है।
वादे निभाने के बजाय, जिम्मेदारी से भाग रहे गहलोत
केंद्रीय मंत्री ने कहाकि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों के कार्यकाल में देश में राष्ट्रहित एवं जनहित से जुड़े कई ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी फैसले लिए हैं। गांव, गरीब, किसान, मजदूर सहित हर वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने का काम किया है। वहीं प्रदेश की गहलोत सरकार अपने वादे निभाने के बजाए केवल केंद्र सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप करके जिम्मेदारी से भाग रही है। कैलाश चौधरी ने कहाकि और कानून व्यवस्था और विकास कार्यों के नाम पर लीपापोती कर रही है। प्रदेश में चल रही हर भर्ती में कांग्रेसी नेताओं के नकल गिरोह में लिप्त होने से पारदर्शिता नाम की कोई चीज नहीं बची है। युवाओं और किसानों के हितों पर लगातार कुठाराघात हो रहा है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुप्पी खुलने का नाम नहीं ले रही है।
राहुल गांधी को गोली मारने जैसा विवादित बयान दे चुके हैं चौधरी
गौरतलब है कि साल 2016 में कैलाश चौधरी ने राहुल गांधी को लेकर एक विवादित बयान दिया था। चौधरी ने उस समय जेएनयू को लेकर चल रहे विवाद के बीच राहुल गांधी को देशद्रोही बताते हुए कहा था कि उन्हें लटकाकर गोली मार देनी चाहिए। कांग्रेस ने देशभर में चौधरी के इस बयान की निंदा करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया था और भाजपा से उनके निलंबन की मांग की थी।