कोलकाता: वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया को मिली हार पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने दावा किया है कि यदि कोलकाता या फिर मुंबई में वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला खेला जाता, तो भारत की जीत होती। इसके अलावा, बनर्जी ने कहा, ”उन्होंने (भारतीय टीम) विश्व कप में सभी मैच जीते, सिवाय उस मैच को छोड़कर जिसमें ‘पापियों’ ने भाग लिया था।”
उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड कप फाइनल का मुकाबला अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया था, जिसपर कई नेताओं ने सवाल खड़े किए थे। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को छह विकेटों से हरा दिया था, जबकि भारत ने सेमीफाइनल तक अपने सभी मैचों में शानदार और लगभग-लगभग एकतरफा जीत दर्ज की थी। फाइनल मुकाबले को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अहम नेता मौजूद थे।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों ने विरोध किया इसलिए भारतीय टीम को मैच के दौरान भगवा रंग की जर्सी नहीं पहननी पड़ी। मालूम हो कि टीम इंडिया की मैच के दौरान पहनी जाने वाली जर्सी का रंग नीला है, जबकि प्रैक्टिस के दौरान भगवा रंग की ड्रेस है। पिछले दिनों भी ममता बनर्जी ने सरकार पर क्रिकेट का भगवाकरण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वे पूरे देश को भगवा रंग में रंगने का प्रयास कर रहे हैं। हमें अपने खिलाड़ियों पर गर्व है, लेकिन बीजेपी वहां भी भगवा रंग लेकर आ गई, जिससे हमारे खिलाड़ी भगवा रंग की जर्सी में प्रैक्टिस करते हैं। यह सब अस्वीकार्य है।
अहमदाबाद में फाइनल पर नेताओं ने उठाए सवाल
ममता बनर्जी से पहले भी कई नेता अहमदाबाद में वर्ल्ड कप फाइनल करवाए जाने पर सवाल उठा चुके हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि हमारी क्रिकेट टीम काफी होनहार है। रोहित शर्मा के नेतृत्व में हमने दस मैच जीते लेकिन फाइनल में हम नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हार गए। लोग कहते हैं कि वानखेड़े में होता तो भारत जीत जाता। मालूम नहीं है मुझे, क्योंकि मैं क्रिकेट का इतना शौक नहीं रखता हूं। वानखेड़े स्टेडियम क्रिकेट के भक्तों के लिए बहुत बड़ी जगह है।”
इसके अलावा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी तंज कसते हुए कहा था कि अहमदाबाद स्टेडियम का नाम बदल दिया गया है और अब भारत जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में वर्ल्ड कप फाइनल हारा है। बसपा सांसद दानिश अली ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि हम भी जीत के करीब थे, लेकिन हमारे खिलाड़ी मानसिक दबाव के कारण चूक गए। पीएम मोदी को स्टेडियम में अपने जाने की घोषणा नहीं करनी थी।