ग्वालियर:मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिले के शहर के गेंडेवाली सड़क स्थित नाले में राजू खान की लाश के टुकड़े कर फेंकने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इसी के साथ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। इस ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी 57 दिन बाद नशा कारोबारी के बेटे नाजिम की गिरफ्तारी के बाद सुलझी है। बता दें कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति का शव टुकड़ों में बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने केस को सुलझाते हुए आरोपी को पकड़ा है। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कई राज उगले हैं। उसने बताया कि घर के अंदर उसने और उसके पिता कल्लू खान ने सिर पर डंबल मारकर राजू की हत्या की थी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसके छोटे-छोटे 20 टुकड़े किए थे और आधी रात को उन्हें पॉलीथिन में भरकर नाले में फेंका गया था।
शहर के बहोड़ापुर झाड़ू वाला मोहल्ला निवासी राजू खान के शव के कई टुकड़े 28 सितंबर को जनकगंज थाना क्षेत्र के रामकुई गेंडेवाली सड़क स्थित स्वर्ण रेखा नाले में मिले थे। नाले से कटा हुआ धड़ निकलने पर राजू के परिजनों ने पुलिस से कहा था उसकी हत्या की गई है। पीड़ित परिजनों ने स्मैक तस्कर कल्लू खान निवासी झाडू वाला मोहल्ला ने मारा है। उधर नाले से कटी लाश निकलने का पता चलते ही कल्लू खान अपनी पत्नी और बेटे नाजिम के साथ फरार हो गया था। वारदात के 57 दिन बाद जनकगंज पुलिस ने नाजिम को दबोचा तो अंधे कत्ल का राज खुल गया। हत्या के बाद उसके टुकड़े मिलने के बाद हत्यारोपी अजमेर फिर आगरा गए। वहां किराए के मकान में रहकर हत्याकांड में पुलिस कार्रवाई पर नजर रखते रहे। फिर पांच दिन पहले पुलिस से बचने के लिए कल्लू नशा तस्करी केस में कोर्ट में हाजिर हो गया और अदालत के आदेश पर उसे जेल भेजा गया। लेकिन नाजिम दुबका रहा। जिसे पुलिस ने दबोच लिया।
पुलिस की पूछताछ में नाजिम ने खुलासा किया राजू खान से झगड़ा हुआ था। मामला पुलिस तक पहुंचा था ।उस मामले में राजू से राजीनामा करना था। इसलिए 21 सितंबर को उसे घर बुलाया था। राजू राजीनामा के बदले 20 हजार रुपये मांग रहा था। हम पैसे देने के लिए राजी हो गए। राजू पैसा लेने घर पर आया था। तब उस बहाने से वह और उसके पिता कल्लू, राजू को सत्यनारायण की टेकरी वाले मकान पर ले गए। जहां, राजीनामा की रकम को लेकर राजू से झगड़ा हुआ। कमरे में पलंग के नीचे डंबल रखा था। गुस्से में उसे उठाकर राजू के सिर पर मार दिया। एक वार में राजू लुढ़क गया फिर उसे जिंदा नहीं छोड़ा। डंबल से और दो-तीन वार उसके सिर पर किए तो उसकी मौत हो गई। कल्लू ने चाकू से उसकी लाश के टुकड़े किए। फिर पॉलीथिन में उन्हें भरकर स्वर्ण रेखा नाले में फेंक दिया जिससे उसकी हत्या का पता नहीं चल सके।