उदयपुर:आदिवासियों की आस्था का केंद्र बेणेश्वर धाम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सभा में प्रवेश से पहले महिलाओं के काले दुपट्टे और स्कार्फ उतरवा लिए। काला रूमाल ले जाने की इजाजत नहीं दी गई है। युवकों के काले रंग के शर्ट और टीशर्ट में उतरवा दिए। विरोध में काले झंडे दिखाए जाने की आशंका के चलते पुलिस व प्रशासन ने ऐसा किया गया। एंट्रीगेट पर इन सबकी जांच के बाद ही प्रवेश करने दिया गया।
एंट्री गेट के बाहर दीवार पर काले रंग के कपड़ों का ढेर लग गया। तब अचानक लोगों की नजर गई। इस पर कई लोगों ने पहले ही अपने काले कपड़े दीवार पर टांग दिए। सुबह से ही यह सिलसिला शुरू हो गया था। पुलिसकर्मी इस बात का विशेष ध्यान रख रहे थे कि कोई भी काले कपड़े या दुपट्टा लेकर जनसभा में प्रवेश नहीं कर सके। लोगों के रूमाल तक की जांच की गई।
पार्टी नेता ने किया इनकार
जनसभा में प्रवेश करने वाले स्थानों पर काले कपड़ों का ढेर लग गया। इस सभा में मौजूद सीडब्ल्यूसी मेम्बर और पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने बताया कि मैं खुद वहां मौजूद था। किसी के भी कपड़े नहीं उतरवाए गए। उनका कहना था कि हमने तो यह सुना था कि भाजपा शासन में काले कपड़े सभाओं में पहनकर आने की इजाजत नहीं थी।
किरोड़ी व उनके समर्थकों का था डर
दरअसल, पुलिस प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य डा. किरोड़ी लाल मीणा अपने समर्थकों के साथ विरोध-प्रदर्शन करने जनसभा में पहुंच सकते हैं। मीणा पिछले कुछ दिनों से आदिवासी इलाके में सक्रिय हैं। बेरोजगार युवकों द्वारा भी काले झंडे दिखाए जाने की सूचना थी। इस कारण कोई भी काली कपड़ा लेकर जनसभा स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया गया। उल्लेखनीय है कि पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में भी जनसभाओं में काला कपड़ा लेकर जाने पर रोक थी।
वसुंधरा राजे की सभा में भी बैन हुए थे काले कपड़े
भाजपा शासन के समय वसुंधरा राजे की सभा में भी यहां काले कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी थी। तब कांग्रेस ने भी काले कपड़े उतरवाने की आलोचना की थी। बीजेपी राज के दौरान बेरोजगारों और किसानों ने कई जगह सभाओं में काले झंडे दिखा दिए थे। उसके बाद से सख्ती की गई थी।