भोपाल:मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद कमलनाथ के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि मध्य प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के इस्तीफ़े देने संबंधी खबर असत्य एवं निराधार है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी इसका खंडन करती है।
इससे पहले बताया जा रहा था कि राज्य में हार का सामना करने के बाद नेतृत्व बदलाव की तैयारी कर रहा है और इसी के तहत कमलनाथ से प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांगा गया है। कमलनाथ को साल 2018 में विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 15 साल बाद जीत दर्ज की थी। बता दें, मध्य प्रदेश में बीजेपी बंपर जीत हासिल की है। 230 विधानसभा सीटों में से पार्टी को 163 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस 66 सीटें ही मिल पाई।
उधर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने विधायक दल के नेताओं के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा कर सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों के नामों की घोषणा शुक्रवार को होने की उम्मीद है। इसके बाद वे नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों के लिए संबंधित राज्यों की यात्रा करेंगे, जहां भविष्य के मुख्यमंत्रियों के नाम घोषित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पसंद पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है और पार्टी तीनों मुख्यमंत्रियों को चुनने में सामाजिक, क्षेत्रीय, शासन और संगठनात्मक हितों को ध्यान में रखेगी। तीन राज्यों के नेता गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों ने इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इस तरह की बैठकें नियमित होती हैं।