जयपुर:राजस्थान के कार्यवाहक सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली रवाना होने से पहले बड़ा बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि दिल्ली में आज प्रमुख नेता बैठेंगे। हार के कारणों का विश्लेषण करेंगे। नेता प्रतिपक्ष के लिए आलाकमान को अधिकृत किया है। लोकसभा चुनाव जीतने पर रणनीति बनाएंगे। राजस्थान कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश स्तर के बड़े नेता शनिवार को दिल्ली में एक जाजम पर जुटेंगे और हार के कारणों की समीक्षा करेंगे। सुबह 11 बजे दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी, पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी जाएंगे। सचिन पायलट के पहले से दिल्ली में होने की जानकारी सामने आ रही है। जबकि हरीश चौधरी भी पंजाब से आज दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
भूपेंद्र हुड्डा की रायशुमारी भी तवज्जो रखेगी
बता दें कांग्रेस के बड़े फैसले अब दिल्ली में पार्टी हाईकमान की मर्जी से ही लिए जाने हैं. इन फैसलों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल के अलावा प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे। तो सोनिया गांधी, मुकुल वासनिक और भूपेंद्र हुड्डा की रायशुमारी भी तवज्जो रखेगी। सरकार से बेदखल होने के बाद कांग्रेस के सामने अशोक गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं का वजूद बचाना बड़ी चुनौती होगा। ऐसे में हाउस के फ्लोर मैनेजमेंट का जिम्मा अगर डोटासरा को सौंप दिया जाता है, तो कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में उनके पुराने अनुभव का फायदा निश्चित तौर पर पार्टी को मिलेगा।
पीसीसी चीफ की रेस में कौन?
सियासी जानकारों का कहना है कि अगर डोटासरा नेता प्रतिपक्ष बन जाते हैं, तो फिर जातिगत समीकरण के आधार पर किसी और चेहरे का चुनाव पीसीसी चीफ के तौर पर किया जाएगा। इनमें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को दोबारा मौका मिल सकता है. वहीं इस रेस में हरीश चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय या फिर कोई ब्राह्मण चेहरा भी शामिल हो सकता है। हालांकि पिछली बार दोनों ही पदों पर ओबीसी के चेहरे काबिज थे. लेकिन इसका खास फायदा पार्टी को नहीं हो सका था। ऐसे में पार्टी इस बार आदिवासी या सवर्ण चेहरे को आगे रख सकती है। हालांकि पार्टी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के चेहरे की भी प्रतीक्षा कर रही है, ताकि सदन में उसके मुताबिक रणनीति के हिसाब से चेहरा उतरा जा सके।