रांची:झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन इस्तीफा नहीं देंगे। रांची में सीएम आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में 43 विधायक थे। बैठक फैसला लिया गया कि हेमंत सोरेन सीएम हैं और आने वाले दिनों में भी वही सीएम रहेंगे… वहीं सूत्रों ने बताया कि बैठक में सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा कि हेमंत सोरेन सीएम बने रहेंगे। साथ ही ईडी के कदम पर भी नजरें रखी जाएगी।
यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है जब हेमंत सोरेन ईडी ने ईडी के सातवें समन पर भी एजेंसी के सामने जाने से परहेज किया है। एक दिन पहले ही (मंगलवार को) सोरेन ने ईडी कार्यालय में एक पत्र भिजवाया था। मुख्यमंत्री सचिवालय का एक कर्मचारी दोपहर बाद लिफाफा लेकर ईडी दफ्तर पहुंचा था। वह ईडी दफ्तर में मौजूद अधिकारियों को लिफाफा सौंप कर निकल गया था। समाचार यूनिवार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी सूत्रों ने बताया कि तीन पन्नों के पत्र में हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया था कि यह जांच अवैध है।
मुख्यमंत्री के इस रुख पर ईडी के आधिकारिक सूत्रों का कहना था कि जांच पर सवाल उठाने का मतलब है कि हेमंत सोरेन का जांच के लिए एजेंसी के सामने आने का कोई इरादा नहीं है। मालूम हो कि ईडी ने बीते 29 दिसंबर को एक पत्र जारी करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जमीन घोटाले से संबंधित मामले में बयान दर्ज कराने के लिए दो दिनों के भीतर अपनी सुविधा के अनुसार जगह और समय बताने की अपील की थी। ईडी की ओर से दी गई डेडलाइन 31 दिसंबर को खत्म हो गई थी।
हेमंत सोरेन के ईडी की पूछताछ से परहेज करने के बाद उनकी गिरफ्तारी की आशंकाएं जताई जाने लगी हैं। इन्हीं आशंकाओं के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के गांडेय से विधायक सरफराज अहमद ने सोमवार को अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विपक्षी भाजपा ने दावा किया था कि अहमद को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया ताकि ईडी जांच के दौरान गिरफ्तारी की स्थिति में मुख्यमंत्री अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को पद सौंप सकें।
ऐसे कयास लगाए जाने लगे थे कि कल्पना सोरेन को गांडेय सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार को मीडिया के सामने आए और गांडेय विधानसभा सीट से पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ाने की अटकलों को खारिज कर दिया था। हेमंत सोरेन ने इसे भाजपा की ‘दिमागी उपज’ करार दिया था। हेमंत सोरेन ने कहा था कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। इसी बीच सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की ओर से सूबे के सियासी हालातों और भावी रणनीति पर चर्चा के लिए बुधवार को विधायकों की बैठक बुलाई गई थी।