इंदौर:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को सूबे में अवैध बाल संरक्षण गृहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने इंदौर में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में ये निर्देश ऐसे वक्त दिए, जब राजधानी भोपाल में एक बालिका गृह से 26 लड़कियों के कथित तौर पर लापता होने का मामला सुर्खियों में है। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि यादव ने बैठक में प्रशासनिक अमले को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सतत निरीक्षण करता रहे कि राज्य में कोई भी बाल संरक्षण गृह अवैध रूप से न चल सके।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा- भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में संचालित बालगृह से लापता बालिकाओं की तसदीक हो गई है। सभी बेटियां सुरक्षित हैं और इनकी पहचान भी कर ली गई है। एक भी दोषी और लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भोपाल में एक बालिका गृह से 26 लड़कियों के कथित तौर पर लापता होने के संबंध में मामला दर्ज किया गया है।
भोपाल (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रमोद कुमार सिन्हा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि अब तक की जांच में पता चला है कि घर की याद आने के बाद लड़कियां परवलिया इलाके में स्थित आंचल बाल गृह से चली गई होंगी। लड़कियों के लापता होने की खबरें सोशल मीडिया पर भी मिल रही हैं। बालगृह में पंजीकरण कराने वाली कुछ लड़कियां विभिन्न कारणों से घर लौट गईं, जिनमें से एक कारण यह हो सकता है कि उन्हें वहां रहना अच्छा नहीं लगा हो। अब तक की जांच से पता चलता है कि वे अपने घर लौट गई हैं। इसकी पुष्टि की जा रही है।
पुलिस ने बृहस्पतिवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी रामगोपाल यादव की शिकायत पर अवैध रूप से बाल गृह चलाने के आरोप में अनिल मैथ्यू नामक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने कहा कि शिकायत के अनुसार, जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित केंद्र की 68 लड़कियों में से 26 लापता हो गई हैं। मैथ्यू के खिलाफ किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मैथ्यू ने अब तक उस केंद्र के लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया है।