देवास : मध्य प्रदेश में इस समय आदिवासियों की राजनीति पूरे शबाव पर है और भाजपा-कांग्रेस इस समाज को अपनी तरफ करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। आदिवासी युवाओं के जयस संगठन भी इस दौर में दो धड़े में बंटता नजर आ रहा है। देवास जिले के कन्नौद में जयस नेता रामदेव काकोड़िया के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई को लेकर मंगलवार को जयस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व संरक्षक अंतिम मुजाल्दा आंदोलन करने जा रहे हैं तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष इंदरपाल मरकाम इस आंदोलन को लेकर असमंजस में हैं। वहीं, जयस कोटे से कांग्रेस के विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा से सोशल मीडिया पर लोग आंदोलन पर सवाल पूछने लगे हैं।
मध्य प्रदेश में आदिवासियों के वोट से 82 विधानसभा सीटों के परिणाम प्रभावित होते हैं जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस समाज को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री निवास में इसके लिए अधिकारियों की अलग से नियुक्तियां कर दी हैं। वहीं, आदिवासियों के युवा संगठन जयस पर भी दोनों ही दलों की नजरें टिक गई हैं। इस संगठन के कोटे से कांग्रेस के विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा के खिलाफ जयस का एक धड़ खड़ा होता जा रहा है। डॉ. अलावा इस समय सियाचिन-लद्दाख में हैं जिससे उनसे संपर्क नहीं हो सका।
जिलाबदर आंदोलन पर संगठन प्रदेश अध्यक्ष अनजान
खातेगांव-कन्नौद के रामदेव काकोड़िया के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई को लेकर जयस 24 मई को आंदोलन करने जा रहा है। इस बारे में जयस के संरक्षक विक्रम असालिया और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने बताया कि रामदेव काकोड़िया का जिलाबदर का विरोध किया जाएगा। इसके लिए रैली निकाली जाएगी। वहीं, जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंदरपाल मरकाम से जब आंदोलन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कॉलबैक कर बताते हैं।
डॉ. अलावा-डॉ. राय में आरोप-प्रत्यारोप
जयस कोटे से कांग्रेस विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा और जयस संगठन को बाहर से समर्थन करने वाले डॉ. आनंद राय के बीच इन दिनों सोशल मीडिया पर शीत युद्ध चल रहा है। हालांकि डॉ. राय ने सोशल मीडिया से अपने कमेंट हटा लिए हैं। इन नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों में जयस संगठन को सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति प्रमुख रही है। डॉ. अलावा से एक आदिवासी इंजीनियर विकास सिंगाड़ भील ने जिलाबदर के खिलाफ कार्रवाई पर विचार पूछे हैं।