उदयपुर:सरकार ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ग्रामीण ओलंपिक कराने की घोषणा कर दी है। 29 अगस्त से 2 अक्टूबर तक ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन किया जाएगा। 35 दिनों तक चलने वाले खेलों के इस महाकुंभ में 15 से 70 साल के 27 लाख युवा व बुजुर्ग हिस्सा लेंगे। खेलों की बिसात पर चुनाव से पहले सरकार अपने लाखों वोटर्स तक पहुंचने की कोशिश करेगी। इन खेलों के जरिये कांग्रेस लोगों के घर से लेकर दिलों तक पहुंचना चाहती है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार व प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।
ग्रामीण ओलंपिक के लिए मशाल रैली जयपुर से रवाना होगी जो पूरे राजस्थान में गांव-गांव घूमेगी। मुख्यमंत्री इस रैली को हरी झंडी दिखाएंगे। यह मशाल रैली उदयपुर भी आएगी। बहरहाल इस ग्रामीण ओलंपिक में पुरुष और महिला वर्ग अलग-अलग होंगे।
इनमें कबड्डी, शूटिंग, वॉलीबॉल, टेनिस बॉल से क्रिकेट, खो-खो और हॉकी के मुकाबले होंगे। जिला खेल अधिकारी शकील हुसैन बताते हैं कि ग्रामीण ओलंपिक को लेकर गांव मे जबरदस्त उत्साह का माहौल है। युवाओं ने इन स्पर्द्धाओं को जीतने के लिए अभ्यास शुरू कर दिया है।
44 हजार गांवों में होंगे आयोजन :
ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन गांव, ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर पर किया जाएगा। इसमें प्रदेश के 44 हजार 795 गांव, 11 हजार 341 ग्राम पंचायत व 352 ब्लॉक शामिल हैं। दो फेज में मुकाबले होंगे। पहले फेज में ग्राम पंचायत स्तर पर दूसरे फेज में ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिताओं को डिजाइन किया गया है।
कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना :
दरअसल सरकार के ऐलान के मुताबिक इन खेलों का मकसद गांव में छिपी खेल प्रतिभाओं को तलाशना है। लेकिन सरकार इससे सियासी निशाना भी साध रही है। सरकार के अधीन होने वाले इन खेलों में आने वाले मेहमान भी कांग्रेस के नेता, मंत्री, सरपंच और प्रधान ही होंगे। इससे कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार होगा। हालांकि इन खेलों का आयोजन 14 नवंबर 2021 में ही किया जाना था, लेकिन प्रशासन शहरों व गांवों के संग अभियान के तहत खेलों के आयोजन को लेट किया गया।