जयपुर:राजस्थान में आज राज्यसभा चुनाव की अधिकसूचना जारी होते ही पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, आज पहले दिन किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया है। राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर 10 जून को चुनाव होने है। कांग्रेस 4 में 3 सीट जीतने के लेकर पूरी तरह आश्वस्त है, लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने का दावा किया है। पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने दावा किया है कि कांग्रेस के भी कई विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के संपर्क में है। देवनानी ने कहा कि ये संपर्क राज्यसभा चुनावों के परिणामों को भी प्रभावित करेगा। हालांकि देवनानी विधायकों के नाम सार्वजनिक नहीं किए है। जिनके संपर्क में होने का वो दावा कर रहे है। देवनानी ने कहा कि वक्त आने पर इसकी जानकारी सामने आएगी। कांग्रेस में राज्यसभा चुनाव में पहले भी क्राॅस वोटिंग होती रही है।
राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही कांग्रेस पार्टी अपने नाराज विधायकों को मनाने में लग गई है। सोमवार को 11 निर्दलीय विधायकों ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। डूंगरपुर से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा और प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीना को मनाने की कवायद तेज कर दी है। विधायक रामलाल मीना का कहना है कि गैर आदिवासी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जाता है तो इसका विरोध किया जाएगा। CWC सदस्य रघुवीर मीना ने रामलाल मीना की बात का समर्थन किया है। दरअसल, ऐसी चर्चा है कि डूंगरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश खोड़निया को पार्टी राज्यसभा का उम्मीदवार बना सकती है। दिनेश खोड़निया सीएम गहलोत के करीबी माने जाते हैं। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा की नाराजगी की वजह भी दिनेश खोड़निया ही बताए जा रहे हैं। गणेश घोघरा ने हाल में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा सीएम गहलोत को भेज दिया था।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस को तीसरी सीट के लिए निर्दलीय विधायकों की जरूरत पड़ेगी। सभी 13 निर्दलीय विधायक गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे हैं। राजस्थान विधानसभा में संख्या बल कांग्रेस के पक्ष में है। कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2 और आरएलडी के पास एक विधायक है। संभावना है कि मौजूगा संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 4 में 3 राज्यसभा की सीट आसानी से जीत सकती है। माना जा रहा है कि बीजेपी 4 में से 2 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी कम से कम 2 सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा कर कांग्रेस को चुनौती देगी। कांग्रेस के पास 2 सीटों पर जीत के लिए बहुमत है लेकिन तीसरी सीट पर जीत के लिए उसे निर्दलीय विधायकों का सहारा लेना पड़ेगा। माकपा के वरिष्ठ नेता प्रकश करात ने कांग्रेस को समर्थन देने के संकेत दिए है। राज्य में माकपा के 2 विधायक है।