लंदन:दुनियाभर में मंकी पॉक्स के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले हफ्ते तक 11 देशों तक सीमित रहने वाला मंकी पॉक्स अब 20 देशों में पैर पसार चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया के 20 से ज्यादा देशों से मंकी पॉक्स के करीब 200 मामले आए हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने साथ ही यह भी कहा कि इस महामारी को कंट्रोल किया जा सकता है और दुनिया भर में उपलब्ध इस बीमारी की दवाओं और टीकों के समान वितरण का प्रस्ताव रखा।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि मौजूदा महामारी कैसे शुरू हुई इस संबंध में अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं हैं, लेकिन इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि इस महामारी का कारण वायरस में किसी प्रकार का आनुवंशिक बदलाव है।
डब्ल्यूएचओ की महामारी निदेशक डॉक्टर सिल्वी ब्रियांड ने कहा, ‘वायरस के पहले (जीनोम) सीक्वेंसिंग से पता चलता है कि यह स्वरूप महामारी से प्रभावित देशों से प्राप्त स्वरूप से अलग नहीं है और यह (महामारी का प्रसार) संभवत: लोगों की जीवनशैली में आए बदलाव का नतीजा है।’
संक्रमण फैलाने में रेव पार्टियां भी जिम्मेदार
इस सप्ताह की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ के शीर्ष सलाहकार ने कहा था कि यूरोप, अमेरिका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में इस महामारी का प्रसार संभवत: स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुई रेव पार्टियों के दौरान सेक्स से जुड़ा हुआ है। अगर ऐसा है तो यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में वायरस के प्रसार के तरीके से बिल्कुल अलग है, जहां मनुष्य में जंगली चूहे और बंदरों आदि से यह बीमारी फैली है।
अभी तक यह संक्रमण बाईसेक्सुअल लोगों तक सीमित था
स्पेन के प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश में मंकी पॉक्स से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 98 हो गई है जिनमें एक महिला भी शामिल है। ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों के डॉक्टरों का मानना है कि अभी तक यह संक्रमण समलैंगिकों (बाईसेक्सुअल) पुरुषों या ऐसे पुरुष जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, तक सीमित था। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है अगर संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है।