दुमका:पति को बंधक बना कर पत्नी से गैंगरेप के मामले में दुमका के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार मिश्रा की अदालत ने 10 दोषियों को 25-25 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर 3.10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर सभी दोषियों को ढाई-ढाई साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने धारा 354 के तहत पांच वर्ष के कारावास और पांच हजार रुपए का जुर्माना अदा करने की भी सजा सुनायी। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने धारा 342 के तहत दोषी पाकर सभी दोषियों को एक साल की कारावास और एक हजार रुपए जुर्माने की भी सजा सुनायी है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
इस मामले में सरकार की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता सोमा गुप्ता ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में दस गवाह पेश किए गए थे, जिनका प्रतिपरीक्षण कराया गया। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है उनमें घासीपुर निवासी मंगल मोहली उर्फ मामू, संतोष हेंब्रम उर्फ संतोष मोहली, बोदी लाल मोहली, मनोज हांसदा उर्फ मोहली, विकास हांसदा उर्फ मोहली, अंद्रियस मोहली उर्फ बाबू, मिथुन टुडू उर्फ मोहली, नुनूलाल मुर्मू उर्फ मोहली, उज्ज्वल हांसदा उर्फ मोहली, मनोज हांसदा शामिल हैं।
8 दिसंबर 2020 में हुई थी सामूहिक दुष्कर्म की घटना
सामूहिक दुष्कर्म की यह घटना घासीपुर गांव में 8 दिसंबर 2020 को हुई थी। महिला अपने पति के साथ घासीपुर हाट से घर लौट रही थी। वापस लौटने के दौरान अंधेरा होने पर युवकों ने दंपति को एक सुनसान क्षेत्र में पकड़ कर पति को बंधक बना लिया। पति की आंखों के सामने युवकों ने पत्नी से गैंगरेप किया था। इस मामले में 16-17 अज्ञात युवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच में 12 युवकों की संलिप्तता सामने आई थी, जिसमें दो आरोपी नाबालिग मिले। दोनों नाबालिग का मामला जेजेबी कोर्ट में अलग से चल रहा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वत: लिया था संज्ञान
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़िता काठीकुंड थाना क्षेत्र की रहनेवाली है और वह अपने पति व अपने बच्चों के साथ घटना के कुछ दिनों पूर्व से घासीपुर गांव में रह रही थी। घटना के दूसरे दिन 9 दिसंबर 2020 को पीड़िता ने मुफस्सिल थाना पहुंच कर सामूहिक दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस चर्चित मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी को समयबद्ध ढंग से जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया था। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में संलिप्त सभी चिह्नित 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसमें से दो नाबालिग थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई गई सजा
सामूहिक दुष्कर्म कांड की सजा सुरक्षा के दृष्टिकोण से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई गई। दोषियों को सशरीर अदालत में पेश नहीं किया गया था। अदालत में दोषियों के परिजनों की भीड़ लगी हुई थी। सजा सुनाने के वक्त परिजनों की निगाहें कोर्ट पर ही टिकी हुई थीं। सजा सुनने के साथ ही आरोपियों के परिजनों के चेहरों पर मायूसी छा गई थी। परिजनों को उम्मीद थी कि सभी की रिहाई हो जाएगी, पर ऐसा हुआ नहीं।
फोटो-31दुमका-63,कैप्सन-सामूहिक दुष्कर्म कांड की सुनवाई के दौरान परिजनों की लगी कोर्ट परिसर के बाहर भीड़