नई दिल्ली।Lok Sabha Election: पांच साल बाद चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलगु देशम पार्टी (TDP) और केंद्र की सत्ताधारी भाजपा के बीच फिर से गठबंधन हो गया है। यानी टीडीपी और बीजेपी फिर से मिलकर चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले इस गठबंधन में तीसरे दल को भी साथ रखा गया है। अभिनेता पवन कल्याण की जन सेना भी आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बन गई है। तीनों दलों के बीच सोमवार को लंबी चर्चा के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया गया।
तीनों दलों के बीच हुए सीट शेयरिंग समझौते के मुताबिक, राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 17 पर टीडीपी, छह पर भाजपा और दो पर जन सेना चुनाव लड़ेगी। राज्य में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधान सभा चुनाव भी होने वाले हैं। गठबंधन के बीच हुए समझौते के मुताबिक विधान सभा की कुल 175 सीटों में से 144 पर तेलगु देशम पार्टी चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा 10 और जन सेना 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
सीट बंटवारे का ऐलान और राज्य की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश बुरी तरह से बर्बाद हो चुका है। ऐसे में भाजपा और टीडीपी का एक साथ आना देश और राज्य के लिए जीत की स्थिति है।” उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन ही आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधान सभा चुनाव जीतेगा।
उधर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैं चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण के एनडीए परिवार में शामिल होने के फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं। पीएम नरेंद्र मोदी जी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, बीजेपी, टीडीपी और जन सेना देश की प्रगति और आंध्र प्रदेश राज्य के लोगों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
वर्ष 2024 में पहली बार तीनों दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। 2014 में, जब टीडीपी और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था, तब जनसेना उनकी बाहरी सहयोगी थी। बता दें कि टीडीपी और जनसेना ने पहले ही 100 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। नायडू ने कहा कि संबंधित दल जल्द ही अन्य उम्मीदवारों के नाम घोषित करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टी ने 17 से 20 मार्च के बीच एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया है। टीडीपी के एक अन्य सूत्र ने इस बात पर जोर दिया कि अगर मोदी इस सभा में भाग लेते हैं, तो यह एक दशक में पहली बार होगा कि मोदी, नायडू और कल्याण एक ही मंच पर होंगे।