कोलकाता:कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में एसएलएसटी भर्ती प्रक्रिया-2016 में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मियों की 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की बंगाल सरकार को फटकार भी लगाई। कहा कि यह बात हैरान कर देने वाली है कि बंगाल सरकार की कैबिनेट को सबकुछ पता था फिर भी फर्जी तरीके से नौकरियां दी गईं। फैसले पर सीएम ममता बनर्जी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
पश्चिम बंगाल में 2016 शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान रद्द की गई 25753 नौकरियों के रद्द किए जाने वाले फैसले के बाद सीएम ममता बनर्जी की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों को रद्द करने का अदालत का फैसला अवैध है और उनकी सरकार आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया है कि ‘‘तृणमूल कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार में शामिल है।’’ उधर, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने कहा, ‘‘हाई कोर्ट का पूरा आदेश पढ़ने के बाद हम शीर्ष अदालत का रुख करेंगे।’’ इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने अदालत के फैसले को उचित करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई 20 मार्च को पूरी हुई थी और पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को फैसला सुनाते हुए पीठ ने कहा कि यह स्तब्ध करने वाली बात है कि राज्य सरकार के मंत्रिमंडल स्तर पर, इस चयन प्रक्रिया में फर्जी तरीके से प्राप्त की गई नौकरियों को बरकरार रखने का निर्णय लिया गया, जबकि इस बात की उन्हें भलीभांति जानकारी थी कि ये नियुक्तियां पैनल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद की गई थीं।
जरूरत पड़े तो एक-एक को हिरासत में लेकर पूछताछ करें
अदालत ने कहा कि यदि जरूरत पड़े तो सीबीआई उनमें से प्रत्येक को हिरासत में लेकर पूछताछ करे। पीठ ने कहा कि अस्थायी अवधि के लिए पद सृजित करने के सिलसिले में सीबीआई जांच जरूरी है ताकि घोटाले की प्रकृति और दायरा तथा इसमें शामिल लोगों को उजागर किया जा सके। गौरतलब है कि कुल 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी 2016 की एसएलएसटी परीक्षा में शामिल हुए थे। बेंच ने उन लोगों को भी निर्देश दिया जिनकी नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं, वे उनके द्वारा लिए गए सभी वेतन और लाभ वापस कर दें क्योंकि इसे “अपराध की आय” माना जाएगा।
कलकत्ता हाई कोर्ट की पीठ ने 282 पन्नों के अपने फैसले में सीबीआई को उसके द्वारा दर्ज किये गए सभी चार मामलों में आगे की जांच करने और खाली ‘‘ओएमआर शीट’’ (उत्तर पुस्तिका) जमा करने के बाद नियुक्ति पाने वाले सभी व्यक्तियों से पूछताछ करने का निर्देश दिया। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, इस मामले की जांच पूरी की और एक रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंपी थी। जांच एजेंसी ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कथित घोटाले के वक्त एसएससी में विभिन्न पदों पर रहे कुछ पदाधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है।