समस्तीपुर: बेटे का शव देने के नाम पर कथित रूप से पैसा मांगने और पैसे के जुगाड़ के लिए दुखी पिता के भीख मांगते हुए वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन सजग हुआ। प्रशासन ने बुधवार शाम मृतक संजीव की लाश को सदर अस्पताल से ताजपुर थाना के कस्बे आहर वार्ड दो निवासी महेश ठाकुर के घर पर पहुंचा दिया। परिजनों ने बताया कि एम्बुलेंस पर चालक के साथ एक गार्ड एवं एक कर्मी शव लेकर आए थे। शव की हालत बहुत ही खराब होने के कारण वे घर वालों को लाश दिखा एम्बुलेंस से सीधे श्मशान घाट की तरफ ले गए जहां उसे दफना दिया गया।
अंतिम संस्कार के दौरान शव जलाने की बजाय दफनाने के बारे में अंतिम संस्कार में साथ गए लोगों ने बताया कि मृतक का परिवार काफी गरीब है। शव जलाने के लिए जलावन आदि की व्यवस्था नहीं थी। आपसी सहयोग से जलवान का उपाय किया जा सकता था। परंतु शव की हालत काफी खराब रहने व उससे दुर्गंध निकलते देख जल्दी-जल्दी में दफना दिया गया।
मृतक के पिता ने लगाया था आरोप
मालूम हो कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में लावारिश अवस्था में महेश ठाकुर के बेटे का शव पुलिस ने बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा था। पहचान नहीं होने के कारण शव वहीं रखा गया था। बाद में जानकारी मिलने पर मुसरीघरारी पुलिस से संपर्क करने के बाद मंगलवार को महेश ठाकुर शव की पहचान करने सदर अस्पताल गया था।
पीड़ित पिता का आरोप है कि पोस्टमार्टम कर्मी ने शव देने के एवज में उससे पचास हजार रुपये की मांग की थी।
शव लेने के लिए मांगी भीख
पैसा जुटाने के लिए उसने गांव में लोगों के बीच भीख मांगी थी। जिसका वीडियो गांव के ही एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपलोड किया था जिसके बाद प्रशासन में खलबली मची थी। मामले की जानकारी मिलने के बाद पहले सीएस व सदर अस्पताल के डीएस ने प्रेस वार्ता बुला मृतक के पिता के आरोप को गलत बताया। बाद में अपर समाहर्ता ने भी इसी मुद्दे पर प्रेस वार्ता बुला आरोप को खारिज किया था। पीड़ित पिता के आरोप का असर यह है कि दूसरे दिन भी सीएस डॉ. एसके चौधरी ने डीपीआरओ के माध्यम से प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी।
सीएस एसके चौधरी ने कहा कि पोस्टमार्टम कर्मी ने मृतक के पिता को पुलिस से आवश्यक कागजात लाने की बात कही थी। उसने लाश देने के नाम पर पैसे नहीं मांगा था। सीएस के अनुसार, पोस्टमार्टम कर्मी नागेन्द्र मल्लिक ने मृतक के पिता को यह कहा था कि पुलिस का कागजात नहीं लाने पर पचास हजार रुपये देने पर भी वह लाश नहीं दे सकता है। सीएस ने प्रेस रीलिज में यह भी कहा है कि स्वास्थ्य प्रशासन व जिला प्रशासन इस मामले की संयुक्त रूप से जांच कर रहा है।
वहीं ताजपुर के बीडीओ मनोज कुमार ने गुरुवार को मृतक संजीव ठाकुर के परिवार से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने मृतक की मां संगीता देवी को पारिवारिक लाभ के तहत बीस हजार रुपये का चेक देने के साथ कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार रुपये नगद दिए। बीडीओ ने बताया कि आश्रित परिवार के पास इंदिरा आवास योजना के तहत एक पुराना घर है। जनवितरण से राशन मिल रहा है। आगे जरूरत के मुताबिक मदद की जाएगी।