मुजफ्फरपुर:मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेनें रोकने के मामले में केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, सूबे के भूमि सुधार व राजस्व मंत्री रामसूरत राय, वैशाली सांसद वीणा देवी व पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा समेत भाजपा व रालोसपा के 23 नेता शुक्रवार को विशेष कोर्ट में हाजिर हुए। विशेष कोर्ट के जज विकास मिश्रा ने आरोपितों को आरोपों का सारांश सुनाया। गिरिराज समेत सभी आरोपितों ने आरोपों को गलत बताया। विशेष कोर्ट ने हाजिर होने वाले नेताओं पर आरोप गठन किया। मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जून की तिथि निर्धारित की गई है। उस दिन से मामले में गवाही शुरू हो सकेगी।
आरोपितों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 28 फरवरी 2014 को जंक्शन पर रेल परिचालन ठप कराया था। इस संबंध में आरपीएफ के तत्कालीन इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह के बयान पर 23 नामजद समेत 50- 60 के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई थी। आरोप के मुताबिक गिरिराज सिंह के नेतृत्व में जंक्शन पर नई दिल्ली दरभंगा बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस व सोनपुर नरकटियागंज पैसेंजर ट्रेन रोकी गई थी। नेताओं ने रेल के इंजन पर खड़ा होकर नारेबाजी की थी।
कोर्ट में हाजिर होने वाले नेताओं ने भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार, देवीलाल, वार्ड पार्षद केपी पप्पू, देवांशु किशोर, अंजू रानी, अशीष साहू आदि नेता व कार्यकर्ता थे। मामले में सभी बेल पर हैं। सभी बारी-बारी से कोर्ट में हाजिर हुए। मंत्रियों ने हाथ जोड़कर व नेताओं ने हाथ उठाकर अपनी हाजिरी कोर्ट में दर्ज कराई।
ट्रेन परिचालन ठप कराने के मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत 23 आरोपितों पर स्पीडी ट्रायल चलेगा। इसके लिए मामले को सोनपुर स्थित रेलवे कोर्ट से मुजफ्फरपुर स्थित एमपी/ एमएलए के विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। दागी नेताओं पर दर्ज मामले में स्पीडी ट्रायल शुरू कर छह माह में निष्पादित करने का आदेश दिया गया है। केंद्रीय मंत्री के अधिवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि आरोपों का सारांश सुनाये जाने के बाद मामला साक्ष्य पर चला गया है। गवाहों को समन कर मामले में बयान दर्ज कराया जायेगा। मामले में आरोपितों की ओर से पहली बार विशेष कोर्ट में हाजिरी हुई है।
चार धाराओं में आरोपितों पर लिया गया था संज्ञान
तत्कालीन केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में उपरोक्त आरोपितों के अलावा रालोसपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष शिशि कुमार राय, विनोद कुशवाहा, मदन चौधरी, रघुनंदन प्रसाद सिंह, दिनेश पुष्पम, रामइकबाल राय, सुमन कुमार, मनीष कुमार, रामबाबू राय, रंजीत ठाकुर, शिवजी दास व रितेंद्र शर्मा पर नामजद एफआईआर दर्ज करायी गई थी। मामले में आरपीएफ आरोपितों पर चार्जशीट कर चुकी है। कोर्ट ने रेलवे एक्ट की धारा 145, 146, 147 व 174 के तहत सभी पर संज्ञान लिया था। मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर श्री सिंह के अलावा अविनाश करोसिया व अन्य अधिकारी व जवानों को गवाह बनाया गया है।