जयपुर:राजस्थान में बीजेपी की क्राॅस वोटिंग से बड़े नेताओं की खींचतान खुलकर सामने आ गई है। क्राॅस वोटिंग के बाद अब पार्टी के बड़े नेताओं पर सवाल उठेंगे। आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सुभाष चंद्रा की हार के लिए धौलपुर कनेक्शन को जिम्मेदार बताया है। उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर से विधायक है। शोभारानी कुशवाह को वसुंधरा राजे कैंप का विधायक माना जाता है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों ने भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के पक्ष में मतदान किया था। वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के पक्ष में मतदान किया है। क्राॅस वोटिंग करने पर बीजेपी ने शोभारानी कुशवाह को पार्टी की प्राथमिक की सदस्यता से निलंबित कर दिया है। क्राॅस वोटिंग से भाजपा में असंतोष बढ़ने के आसार बन गए है। बीजेपी में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है।
क्राॅस वोटिंग करने के मामले को भाजपा ने गंभीरता से लिया और चुनाव परिणाम जारी होने के तुरंत बाद शोभारानी कुशवाह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं की जाएगी। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है। क्राॅस वोटिंग की है। उन्हें नोटिस दिया गया है। 7 दिन में अपनी बात रखने का मौका दिया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद एक्शन लिया जाएगा।
तय समय से करीब 1 घंटे 23 मिनट लेट हुई मतगणना के बाद कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी एवं भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को विजयी घोषित कर दिया गया। राज्यसभा में जीत से सीएम गहलोत का कद बढ़ गया हैं। भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को 30 और घनश्याम तिवाड़ी को 43 वोट मिले। कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला को 43, मुकुल वासनिक को 42 और प्रमोद तिवारी को 41 वोट मिले। कांग्रेस को 127 वोट मिले है। कांग्रेस का एक वोट रिजेक्ट हुआ है। जबकि भाजपा का एक वोट कांग्रेस को मिला है। कांग्रेस विधायक परसराम मोरदिया का वोट खारिज हो गया है।
कांग्रेस के विधायकों में सेंध लगाने का दावा करने वाले भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के वोटों में कांग्रेस ने सेंध लगा दी। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट सुभाष चंद्रा को मिला। भाजपा के कुल वोट 74 हो गए, लेकिन कांग्रेस ने बीेजेपी के 2 वोटों की सेंध लगा दी। आरएलपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को 8 वोट चाहिए थे। लेकिन सुभाष चंद्रा 8 वोटों का जुगाड़ नहीं कर पाए।कांग्रेस के उम्मीदवारों को कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर कुल 126 विधायकों का समर्थन मिला है। एक वोट बीजेपी का मिला। जबकि एक वोट कांग्रेस के रिजेक्ट हो गया। भाजपा कांग्रेस के खेमे में सेंध नहीं लगा पाई। चुनाव से पहले भाजपा नेता कांग्रेस विधायकों को तोड़ने का दावा कर रहे थे।