नई दिल्ली:आखिरकार वहीं हुआ जिसका डर था। सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताने के बावजूद कांग्रेस ने नाराज विधायक कुलदीप विश्नोई को मनाने की कोशिश नहीं की। इसका खामियाजा उसे अजय माकन की हार के तौर पर चुकाना पड़ा। माकन की हार से जीत का जश्न पड़ा फीका गया है। हालांकि, कांग्रेस चार राज्यो में 16 सीट के लिए हुई वोटिंग में पार्टी पांच सीट जीतने में सफल रही।
हरियाणा में कुलदीप बिश्नोई लगातार अपनी नाराजगी जता रहे थे। उनका कहना था कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद वह अंतिम फैसला करेंगे। पर कई दिन तक इंतजार के बाद भी बिश्नोई की राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हुई। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा ने भी उन पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आखिरकार माकन हार गए।
किस विधायक का वोट हुआ खारिज
कांग्रेस इस तलाश में भी जुटी है कि हरियाणा में निरस्त होने वाला वोट किस विधायक का था। क्योंकि वोट निरस्त नहीं होता तो अजय माकन की जीत हो सकती थी। माकन की हार ने राज्यसभा चुनाव में जीत का जश्न फीका पड़ गया है। क्योंकि, राजस्थान में कांग्रेस तीन सीट जीतने में सफल रही। वहींं, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी वह अपने उम्मीदवार को जिताने में सफल रही।
नाराजगी पाटने में कायम रहे गहलोत
राजस्थान और महाराष्ट्र में भी राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर विधायको में नाराजगी थी। पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधायको को एकजुट रखने में सफल रहे। वहीं, महाराष्ट्र के प्रभारी के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे भी विधायको को मनाने में सफल रहे। खड़गे महाराष्ट्र के प्रभारी महासचिव भी रह चुके है। इसका भी उन्हें फायदा मिला।
बिश्नोई को सभी पद से हटाया गया
कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसके साथ उन्हे कांग्रेस कार्यसमिति सहित सभी पदों से भी हटा दिया है। इसके साथ पार्टी विधानसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश करेगी।