सूरत। गुजरात पुलिस ने दावा किया कि हिंदू नेताओं को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए मौलवी सहित तीनों लोग पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे। वह हवाला चैनल्स के माध्यम से पाकिस्तान से धन भी प्राप्त करते थे। गुजरात पुलिस ने इन तीनों को इस महीने की शुरुआत में अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया था।
सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने गुरुवार को बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ते ने जिया उल हक नाम के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया था, जो उसी मॉड्यूल का हिस्सा था और उसे पाकिस्तान में बैठे उसके आका से आदेश मिला था।
सूरत पुलिस ने हिंदू सनातन संघ के अध्यक्ष उपदेश राणा की हत्या की साजिश रचने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तेलंगाना से विधायक टी. राजा सिंह और भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा सहित कई अन्य हिंदूवादी नेताओं को धमकी देने के आरोप में 4 मई को सूरत जिले के कथोर गांव से मौलवी सोहेल अबु बकर तिमोल को गिरफ्तार किया था। अधिकारी ने बताया कि उससे पूछताछ करने के बाद बिहार से मोहम्मद अली और महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले शकील रजा को गिरफ्तार किया गया।
मौलवी के पास दो मतदाता पहचान पत्र और दो जन्म प्रमाण पत्र मिले
कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि हमने पाया कि मौलवी सोहेल के पास दो मतदाता पहचान पत्र थे। उसके पास दो जन्म प्रमाण पत्र भी थे। मोहम्मद अली बिहार का मूल निवासी है, लेकिन नेपाल के लाहान शहर में काम करता है। उसके पास आधार कार्ड के अलावा एक प्रमाण पत्र भी था, जो उसे नेपाली नागरिक घोषित करता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद अली पाकिस्तान में बैठे अपने आका डोगर के भी संपर्क में था और उसने 17 वर्चुअल नंबरों और 42 ईमेल आईडी का उपयोग कर हिंदूवादी नेताओं को धमकियां दी थीं। शकील रजा ने हिंदू नेताओं को जान से मारने की धमकी देने के लिए डोगर द्वारा उपलब्ध कराए गए एक पाकिस्तानी वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल किया था। कुछ अन्य पाक हैंडलर भी नेटवर्क का हिस्सा थे।
टारगेट को एके-47 राइफल पकड़े व्यक्ति की फोटो भेज डराते थे
मोहम्मद अली और शकील रजा ने कथित तौर पर उपदेश राणा, नूपुर शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश राजपूत, ब्लॉगर शबनम शेख, शिव सेना हिंद प्रमुख निशांत शर्मा, पंजाब के एक शिव सेना नेता अमित अरोड़ा और बजरंग दल नेता कुलदीप सोनी को धमकी दी थी। डर पैदा करने के लिए आरोपी अपने टारगेटों को एके-47 राइफल पकड़े हुए एक व्यक्ति की तस्वीर भेजते थे।
गहलोत ने कहा, समूह की फंडिंग की विस्तृत जांच चल रही है। अधिकारी ने कहा कि यूपी एटीएस द्वारा पकड़ा गया संदिग्ध आतंकी जिया उल हक भी उसी नेटवर्क का हिस्सा था और वह उसी डोगर से ऑर्डर लेता था।