नई दिल्ली:दिल्ली में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। लगभग एक सप्ताह से इस पर मुकदमेबाजी से लेकर बयानबाजी जारी है लेकिन समस्या जस की तस है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली सरकार को कड़े शब्दों में कहा कि अगर आप टैंकर माफिया पर लगाम नहीं लगा सकते तो क्या हम दिल्ली पुलिस को आदेश दें।
अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि भीषण गर्मी में आम लोगों को पानी नहीं मिल रहा, लेकिन टैंकर माफिया के पास पानी की कोई कमी नहीं है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और पीबी वराले की पीठ ने पानी की बर्बादी रोकने और टैंकर माफिया के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए सरकार को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।
मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया
पीठ ने कहा कि आप टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे, अब तक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि हिमाचल प्रदेश से दिल्ली के लिए पानी आ रहा है, तो आखिर जा कहां रहा।
आम लोगों का पानी माफिया पी जाता है
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से जस्टिस मिश्रा ने कहा कि आम लोगों को जो पानी मिलना चाहिए, शायद वह टैंकर माफिया पी जाते हैं। कोर्ट ने हलफनामों पर विचार करने के बाद कहा कि जब यह समस्या हर बार की है तो आपने पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या उपाय किए।
कम पानी मिल रहा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि अपर यमुना रिवर बोर्ड द्वारा 2018 में पारित आदेश में दिल्ली को 1013 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए, पर 800 से 900 क्यूसेक ही मिल रहा।
एक दर्जन इलाकों में दिक्कत
दिल्ली के बुराड़ी, जगतपुरी, चाणक्यपुरी, देवली, संगम विहार, खानपुर, गौतमपुरी, दक्षिणपुरी, मदनपुर खादर सहित एक दर्जन से ज्यादा इलाकों के लोग वर्तमान में भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं।
टीमें प्रमुख पाइपलाइन का निरीक्षण करेंगी: आतिशी
दिल्ली में पानी की बर्बादी रोकने की जिम्मेदारी एडीएम और एसडीएम को दी गई है। राजस्व मंत्री आतिशी ने पाइप लाइन में लीकेज से बर्बादी रोकने के लिए इनकी जिम्मेदारी तय की है। वह रोजाना कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करेंगे।
पुलिस हस्तक्षेप करे, तो खुशी होगी सरकार
दिल्ली सरकार के अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा, पानी की बर्बादी रोकने के लिए समुचित कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जहां तक पुलिस की ओर से कार्रवाई किए जाने का सवाल है, तो हमें बेहद खुशी होगी कि पुलिस मामले टैंकर/जल माफिया पर लगाम लगाने के लिए समुचित कार्रवाई करे।
हिमाचल सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तलब
शीर्ष अदालत ने हिमाचल सरकार के विरोधाभासी बयान पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने हिमाचल सरकार के मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी को गुरुवार को निजी रूप से पेश होने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, इस याचिका का पूरा आधार यह है कि हिमाचल के पास अतिरिक्त पानी है और अब कहा जा रहा है कि पानी छोड़ दिया गया है।