नई दिल्ली:कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक वीडियो को हाई कोर्ट ने डिलीट करने का आदेश दिया है। फेसबुक, एक्स, यूट्यूब सभी सोशल प्लैटफॉर्म से इस वीडियो को तुरंत हटाने को कहा गया है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को भी अपने अकाउंट से वीडियो को हटाने को कहा। सुनीता समेत पांच लोगों से जवाब भी तलब किया गया है और यदि कोर्ट उनकी दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ तो आने वाले समय में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आखिर इस वीडियो में ऐसा क्या है और क्यों कोर्ट ने डिलीट करने का आदेश दिया, आइए आपको बताते हैं।
पहले जानें कोर्ट ने क्या दिया आदेश
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और जस्टिस अमित शर्मा की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल समेत 6 लोगों और सोशल मीडिया प्लैंटफॉर्म ‘मेटा’ और ‘यूट्यूब’ को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स से कहा है कि यदि ऐसी ही सामग्री दोबारा पोस्ट की गई है तो वे उसे भी हटा दें। इस मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी। हाई कोर्ट के वकील वैभव सिंह की ओर से दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह रुख अपनाया।
क्यों दायर की गई याचिका
दरअसल, वकील वैभव सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया है कि कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों का उल्लंघन किया गया है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अवैध तरीके से कोर्ट की कार्यवाही को रिकॉर्ड किया और फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जोकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित दिल्ली हाई कोर्ट नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है।
क्या था उस वीडियो में
केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 28 मार्च को जब उन्हें राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपनी बात रखने की इच्छा जाहिर की। अदालत की इजाजत पर केजरीवाल ने बोलना शुरू किया। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा को कथित शराब घाटाला केस में एक आरोपी और अब गवाह बन चुके कारोबारी शरद चंद रेड्डी ने चंदा दिया। आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने इस वीडियो को यह कहते हुए साझा किया कि केजरीवाल ने मनी ट्रेल को एक्सपोज कर दिया है। याचिका दायर करने वाले वकील का आरोप है कि केजरीवाल की पत्नी ने कोर्ट की कार्यवाही को गैरकानूनी तरीके से रिकॉर्ड किया और फिर इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने इसे न्यायपालिका की छवि खराब करने की कोशिश भी बताया।