गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक खत लिखकर आईआईटी खड़गपुर में दो साल पहले पूर्वोत्तर के एक छात्र की रहस्यमय मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। आईआईटी अधिकारियों और पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था और पहली ऑटोप्सी रिपोर्ट में भी आत्महत्या की पुष्टि की गई थी लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर किए गए दूसरे पोस्टमॉर्टम से पता चला कि छात्र को गोली मारी गई थी और उस पर चाकुओं से भी वार किया गया था। असम के तिनसुकिया जिले का रहने वाला 24 वर्षीय IIT छात्र फैजान अहमद 14 अक्टूबर, 2022 को अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था।
इसी मामले में असम के मुख्यमंत्री ने सोमवार को बंगाल सीएम को लिखी चिट्ठी में लिखा है कि माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, दिवंगत फैज़ान अहमद के शव को कब्र से निकालकर दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया और दूसरी फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, फैज़ान अहमद की गर्दन के ऊपरी बायीं ओर बंदूक की गोली का घाव था और उनकी गर्दन के दाहिनी ओर चाकू का घाव था। इसलिए, नवीनतम फोरेंसिक रिपोर्ट के चौंकाने वाले निष्कर्षों को देखते हुए, यह जरूरी है कि इस भयानक अपराध में शामिल अपराधियों के साथ-साथ अपराध को छिपाने में शामिल रहे किसी भी अन्य व्यक्ति को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए, ताकि मृतक को न्याय मिल सके और मामला बंद हो सके।
सरमा ने लिखा, “मृतक छात्र और दुःखी माता-पिता को न्याय दिलाने के लिए मैं आपसे अपराध की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करता हूं।” बता दें कि असम के मुख्यमंत्री का यह अनुरोध दूसरी बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के निष्कर्षों की खबर सामने आने के कुछ दिनों बाद आया है। हालांकि, इससे पहले मृत छात्र के माता-पिता ने सरमा से अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए मदद मांगी थी।
यह दूसरी बार है, जब असम के मुख्यमंत्री ने बनर्जी को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने इससे पहले 20 अक्टूबर, 2022 को भी सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा था, जब छात्र के माता-पिता ने उसके शरीर पर चोट के निशान देखे थे। तब आईआईटी खड़गपुर प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा था कि छात्र की मौत आत्महत्या के कारण हुई थी।
बता दें कि अहमद के शरीर का पहला पोस्टमार्टम शव मिलने के एक दिन बाद यानी 15 अक्तूबर, 2022 को किया गया था। फिर शव को माता-पिता को सौंप दिया गया था, जो उसे असम ले गए और मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार दफना दिया गया। हालांकि, बाद में उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मौत की जांच कराने का अनुरोध किया। हाई कोर्ट के निर्देश पर शव को कब्र से निकाला गया और मई 2023 में दूसरी बार पोस्टमार्टम किया गया था।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले में अपनी राय देने के लिए पश्चिम बंगाल सीआईडी के सेवानिवृत्त फोरेंसिक विशेषज्ञ अजय कुमार गुप्ता को नियुक्त किया था। गुप्ता ने पिछले हफ्ते हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, “पीड़ित के सिर पर कुंद वस्तुओं से वार किया गया था, उस पर चाकू से भी हमला किया गया था और बाएं कान के नीचे गोली मारी गई थी।” माना जा रहा है कि गुप्ता अपनी जांच रिपोर्ट अगले महीने हाई कोर्ट को सौंपेंगे। इस बीच, सोमवार को, केरल की 21 वर्षीय चौथे वर्ष की छात्रा का शव इसी आईआईटी के छात्रावास में लटका हुआ मिला है। इससे प्रतिष्ठित संस्थान में एक और छात्र की मौत चर्चा का विषय बन चुकी है।
बता दें कि राज्य में सीबीआई के प्रवेश और जांच को लेकर ममता बनर्जी पहले भी विरोध करती रही हैं और वह इस मामले में केंद्र सरकार पर हमलावर रही हैं। ममता मानती रही हैं कि केंद्र सरकार और केंद्र की सत्ताधारी भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए करती हैं। कुछ साल पहले भी सीबीआई जांच और राज्य में सीबीआई के प्रवेश को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार में ठन चुकी है। अब हिमंत सर्मा की इस मांग से दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच सियासी भिड़ंत होने के आसार बढ़ गए हैं।