नई दिल्ली:अग्निपथ स्कीम के खिलाफ देशभर में जारी प्रदर्शन और बवाल के बीच रविवार को रक्षा मंत्रालय ने एक अहम प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि अग्निपथ स्कीम रोलबैक नहीं होगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अग्निवीर के जरिए भारतीय सेना में किस तरह से जोश और होश का संतुलन बनाने की योजना है। आइए जानते हैं इसको लेकर सेना के अधिकारियों प्रेस कांफ्रेंस के दौरान और क्या-क्या कहा…
अब सभी रिक्रूटमेंट केवल अग्निवीर से
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मौजूद वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया कि सेना में अब सभी रिक्रूटमेंट केवल अग्निवीर के तहत ही होंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने पहले अप्लाई किया था, उनके लिए एज लिमिट बढ़ा दी गई है। सभी को नए सिरे से अप्लाई करना होगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वैकल्पिक भर्ती की कोई योजना नहीं है।
अभी है योजना की शुरुआत
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अभी योजना के शुरू में 46000 अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है, यह क्षमता अभी और बढ़ेगी। अगले 4-5 सालों में यह संख्या 50,000-60,000 होगी और फिर इसे 90 हजार से बढ़ाकर एक लाख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना की योजना में 1.25 लाख तक अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। इस प्रकार से यदि 25 फीसदी को परमानेंट रखा जाएगा तो ऑटोमैटिकली 46,000 अग्निवीर परमानेंट रूप से भर्ती होंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई अग्निवीर देशसेवा के दौरान शहीद होता है उसे एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।
नेवी में महिला भी होंगी अग्निवीर
वहीं इस दौरान वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि हम अग्निवीर योजना के तहत नेवी में महिलाओं को भी भर्ती करेंगे। इनकी तैनाती युद्धपोतों पर भी होगी। उन्होंने कहा कि इसी साल 21 नवंबर से पहला नेवी अग्निवीर ट्रेनिंग सेंटरों में पहुंचना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें पुरुष और महिला दोनों अभ्यर्थी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल भारतीय नौसेना में 30 महिला अधिकारी हैं जो अलग-अलग जहाजों पर बतौर सेलर तैनात हैं।