नोएडा दनकौर। ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र के रौनीजा गांव में गो सेवक ने बुधवार को गाजे-बाजे के साथ गाय की अंतिम यात्रा निकाली और हिन्दू रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया। अंत्येष्टि स्थल पर गाय की समाधि बनाने की घोषणा भी की। रौनीजा गांव में पप्पू प्रधान भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) का वरिष्ठ सदस्य और गो सेवक हैं। उन्होंने बताया कि उनकी गाय बुधवार दोपहर में मर गई। इस गाय का जन्म 28 वर्ष पहले उनके घर में हुआ था। उनके माता-पिता ने गाय की काफी सेवा की थी। इसके बाद वह देखभाल करने लगे।
हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार किया
परिवार और गांव के लोगों के परामर्श पर गाय की शव की यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया। फिर ट्रैक्टर-टॉली को फूल-माला और गुब्बारे से सजाया गया। गाय के शव को ट्रॉली में रखकर पूरे गांव में शव-यात्रा निकाली गई। किसान नेता श्यौराज सिंह भाटी ने बताया कि शव यात्रा के आगे डीजे बजता जा रहा था। उसके पीछे गांव की महिलाएं भजन गाते चल रही थीं। करीब पांच किलोमीटर की शव यात्रा पूरी करने के बाद शिव मंदिर के पास पप्पू प्रधान के खेत में हिंदू रीति-रिवाज से गाय का दाह संस्कार किया गया। पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ चंदन, आम की लकड़ी, घी और सामग्री से अंतिम संस्कार किया गया। इसी स्थल पर गाय की समाधि भी बनाई जाएगी। हवन कर तेहरवीं भी की जाएगी।
गाय से था लगाव
जेसीबी का काम करने वाले पप्पू प्रधान ने बताया कि गाय से पूरे परिवार को खूब लगाव था। सभी उसकी सेवा किया करते थे। गाय के मरने से पूरा परिवार दुखी है। गाय की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। मंदिर के पास चंदन और आम की लकड़ी के साथ देसी घी डालकर दाह संस्कार किया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। गांव के लोगों के अनुसार, गाय की सेवा करने से पुण्य कर्मों में इजाफा होता है और जीवन-मृत्यु के चक्र से आजादी मिल जाती है।