नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। आलम यह है कि बदमाश अब भीड़भाड़ वाले अस्पताल के भीतर घुसकर गोलियां बरसाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में रविवार को एक ऐसी ही वारदात सामने आई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि जीटीबी अस्पताल की चौथी मंजिल के वार्ड में भर्ती एक मरीज की रविवार गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। मारे गए मरीज की शिनाख्त 32 वर्षीय रियाजुद्दीन के रूप में हुई है। अब ताजा अपडेट यह है कि अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के बयान में कहा गया है कि डॉक्टरों को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को दिल्ली सरकार की ओर से अनसुना किए जाने के बाद डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ाए जाने की अपीलों को नजरअंदाज किया गया, नतीजतन यह वारदात हुई। दिल्ली सरकार जब तक अस्पताल में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित नहीं करती, डॉक्टर अपना काम जारी नहीं रख सकते हैं। हालांकि हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि पीड़ित रियाजुद्दीन को 23 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पेट के संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। अस्पताल के वार्ड नंबर 24 में शाम को करीब 4 बजे 18 साल के एक युवक ने घटना को अंजाम दिया। गोली लगने से घायल हुए रियाजुद्दीन की बाद में मौत हो गई। हमलावर को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई हैं। वहीं अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने ‘वार्ड’ में घुसकर डॉक्टर को धक्का दिया, मरीज को गोली मारकर भाग गए।
जीटीबी अस्पताल के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि गोलीबारी में कोई अन्य घायल नहीं हुआ है। ड्यूटी पर तैनात सीएमओ की सूचना पर जीटीबी एन्क्लेव के थाना प्रभारी, सहायक पुलिस आयुक्त और अपराध शाखा के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद एक नर्स ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि किशोर दोपहर तीन बजकर 59 मिनट पर वार्ड में दाखिल हुआ। उसने सभी से शांत रहने और शोर नहीं मचाने की धमकी दी। फिर उसने पीछे छिपाई पिस्तौल निकाली और मरीज को गोली मार दी।