आश्विन माह में शुक्ल पक्ष एकादशी यानी कल 6 अक्टूबर को पापांकुशी एकादशी की जाती है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन पूरे दिन व्रत रखा जाता है। इस व्रत को मोक्ष प्राप्ति के लिए रखा जाता है। कहते हैं जो प्राणी इस व्रत को रख लेता है उसे यमलोक की यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती हैं। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य अपने सभी पाप धो सकता है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है। इस व्रत में कई नियमों का पालन करना होता है। खासकर इस व्रत में एक दिन पहले से ही कई चीजों का त्याग कर देना चाहिए। खासकर इस व्रत के लिए एक दिन पहले चावल गेंहू, उड़द की दाल, चना, जौ और मसूर दाल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इस व्रत में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ मनवांछित फल देता है, इसके अलावा रात में जागकर भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए। अगले दिन यानी 7 अक्टूबर को व्रत का पारण किया जाएगा। द्वादशी तिथि को सुबह ब्राह्माणों को अन्न का दान और दक्षिणा देने के बाद भोजन करके यह व्रत संपन्न होता है। इस व्रत के प्रभाव से व्रती, बैकुंठ धाम प्राप्त करता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।