दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के सबसे पावन और पवित्र त्योहारों में से एक है। इसकी तैयारी में लोग महीनों पहले से लगे होते हैं। इस साल नवरात्र के शुरुआत 26 सितंबर से हुई हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के अलग -अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा को अम्बा, चंडी, काली , चंद्रिका, दुर्गा के अलावा महिषासुरमर्दिनी नाम से भी पुकारा जाता है। वैसे तो नवरात्र पूरे देश में बेहद धूम -धाम से मनाया जाता है। लेकिन बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, असम में इसकी अलग ही रौनक देखने को मिलती है। जगह -जगह माता के पंडाल लगाए जाते हैं, जहां लाखों की संख्या में भक्तगण माता के दर्शन करने आते हैं।
क्या आप जानते हैं नवरात्र और उसके पीछे की कहानी?
आज हम आपको पूरे विस्तार से नवरात्र और उससे जुड़ी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर नाम का एक राक्षस था। कठोर तप करके महिषासुर ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर लिया था। महिषासुर की तपस्या से खुश होकर ब्रह्मा जी ने उसे अमर होने का वरदान दे दिया। ब्रह्मा जी से मिले वरदान के कारण महिषासुर का अत्याचार दिनों- दिन बढ़ने लगा। एक रोज महिषासुर ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया उसके अत्याचार से परेशान होकर देवताओं ने ब्रह्मा ,विष्णु और महेश का आवाह्न किया। ब्रह्मा ने महिषासुर को वरदान दिया था कि कोई भी पुरूष या देव उसका वध नहीं कर सकता। ऐसे में ब्रह्मा ,विष्णु और महेश ने आदि शक्ति का आवाह्न किया जिसके बाद मां आदिशक्ति देवी दुर्गा का रूप में प्रकट हुई। नौ दिनों तक देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ। 10वें दिन मां दुर्गा ने दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध कर दिया। जिसके उपलक्ष्य में हर साल नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।