इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स द्वारा आजोयित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, अफ्रीका के पूर्व तट से भारत का संबंध बहुत मजबूत है और हिंद महासागर के मॉनसून वाले इको सिस्टम से इसको लाभ मिलता है। इसके अलावा अफ्रीकी देश में बढ़ रहे कट्टरपंथ और आतंकवाद को लेकर भी हम संजीदा हैं।
बता दें कि साल 2020 में पहली भारती-अफ्रीका डिफेंस मिनिस्टर कॉन्क्लेव हुआ था। मार्च में दूसरी बार डिफेंस मिनिस्टर कॉन्क्लेव होना था लेकिन विपरीत परिस्थियों की वजह से इसे टाल दिया गया। जयशंकर ने इस बात की उम्मीद जताई कि जल्द यह कार्यक्रम होगा।
विदेश मंत्री ने डिफेंस इंस्टिट्यूशन को लेकर नाइजीरिया, इथियोपिया, तंजानिया के साथ समझौता करने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बोत्सवाना, लिसोतो, जांबिया, यूगांडा, नमीबिया और तंजानिया के साथ समुद्री सुरक्षा समझौते प्रगति पर हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी देशों और भारत के लिए आतंकवाद, ड्रग्स और कई अन्य ऐसी समस्याएं हैं जो कि कॉमन हैं और मिलकर इनका सामना करना होगा।