आगरा:उपभोक्ताओं की ज्वैलरी खरीद में फरेब का कोई स्थान नहीं रहने दिया जाएगा। हाल के दिनों में भारतीय मानक ब्यूरो की कार्रवाई तो यही संदेश दे रही है। कई प्रतिष्ठानों के सैंपल लिए गए हैं। इनकी जांच की जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि जो हॉलमार्किंग का टैग लगा हुआ है, उक्त उत्पाद में घोषित मात्रा में बहुमूल्य धातु का प्रयोग किया गया है कि नहीं।
आगरा शहर के एक हॉलमार्किंग सेंटर संचालक ने बताया कि बीआईएस के अफसरों की सक्रियता अत्यधिक हो रही है। लगभग रोज ही सर्वे हो रहे हैं। बाजार में यदि किसी के पास पुराने जेवर मिल रहे हैं, उनको बिक्री से हटाने और एचयूआईडी लेने को कहा जा रहा है।
आगरा सहित यूपी के दो दर्जन जिलों में बीआईएस के नियम कड़े व अनिवार्य किए जाने के लिए यह कवायद चल रही है। केन्द्र के विभाग ही नहीं, राज्य सरकार की टीमें भी हॉलमार्किंग के नियम के अनुपालन के लिए लगातार सक्रिय हैं। मंशा है कि बाजार में सिर्फ खरा सोना ही बिके। किसी भी तरह बाजार में पीतल को सोने के भाव बेचने के प्रयास न हों।
जून 2021 के आदेश में यूपी के 19 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई थी। चार अप्रैल को जारी आदेश में यूपी के 26 जिलों का उल्लेख किया गया है। आगरा और मथुरा इन दोनों ही सूचियों में हैं। अन्य जिले हैं प्रयागराज, बरेली, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, लखनऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फर नगर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, आजमगढ़, वाराणसी, आजमगढ़, भदोई, बलिया, बाराबांकी, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, औरैया।
इस सूची में उत्तराखंड में एक जिला बढ़ा दिया गया है। बिहार में जिलों की संख्या 13 से बढ़ा कर 15 कर दी गई है। जीएसटी में पंजीकरण की सीमा 40 लाख तक सालाना कारोबार वालों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी गई है।
क्या है एचयूआईडी
ज्वैलर रिंकू बंसल कहते हैं कि हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिटी (एचयूआईडी) के तहत हरेक ज्वैलरी की खास पहचान है। यह नौ अंक का अल्फान्यूमेरिक कोड है। हॉलमार्किंग एजेंसी के माध्यम से उत्पाद की फोटो भी होगी। इसमें नाम, पता, हॉलमार्क सेंटर के साथ गहने का वजन और शुद्धता होंगे।
हॉलमार्किंग से होंगे फायदे
वित्तीय सलाहकार पंकज जैन के मुताबिक प्रत्यक्ष रूप से हॉलमार्किंग का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ता हितों का संरक्षण है। इसके अलावा भी अनेक फायदे हैं। गोल्ड लोन आदि में मूल्यांकन का कार्य आसान हो जाएगा। दोबारा बिक्री के समय उपभोक्ताओं को अनावश्यक सबूत नहीं खोजने होंगे।
80 फीसदी ज्वैलर पंजीकृत
हॉलमार्किंग एजेंट सुरेश मोरे बताते हैं कि आगरा में तेजी से हॉलमार्किंग बढ़ रही है। यहां सक्रिय बड़े ज्वैलर्स में से 80 फीसदी ने अपने आपको बीआईएस में पंजीकृत करा लिया है। इस नियम को लागू कराने के लिए हाल के दिनों में बीआईएस की सक्रियता में बहुत तेजी आई है।
बदल जाएगा बाजार का परिदृश्य
ज्वैलर राजेश हेमदेव कहते हैं कि हॉलमार्किंग के पूरी तरह लागू होने से बाजार का परिदृश्य बदलेगा। गुणवत्ता के साथ नए फैशन में अनुसंधान करने वाले ब्रांड को स्वीकार्यता मिलेगी। वहीं दूसरी ओर शुद्धता के पैमाने तय हो जाएंगे। 14, 18, 22 कैरेट के सोने के आभूषण ही चलन में रह जाएंगे।