नई दिल्ली। दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने राजधानी के छह बड़े अस्पतालों को कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता की दवा और सामान आपूर्ति करने वाले दस लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें सात आपूर्तिकर्ता, तीन लैब और फार्मा कंपनियों के मालिक शामिल हैं। विजिलेंस विभाग की जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया। जांच में कुछ डॉक्टरों, अफसरों और स्टोरकीपर की भूमिका भी सामने आई है। जांच के बाद रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी लैब रिपोर्ट भी बनाई गई थी। छह अस्पतालों में एलबीएस, एलएनजेपी, डीडीयू, एसजीएम, जेएसएसएच और जीटीबी अस्पताल शामिल हैं।
छह बड़े अस्पतालों से लिए ज्यादातर नमूने फेल हुए
दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली के छह बड़े अस्पतालों को घटिया दवा और सामान सप्लाई करने वाले दस आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया। एसीबी के ज्वाइंट कमिश्नर मधुर वर्मा ने बताया कि पिछले साल गत 18 अगस्त को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सतर्कता शाखा ने दिल्ली सरकार के इन छह अस्पतालों का दौरा किया था।
इस दौरान रोल्ड बैंडेज, आईवी सेट आदि के नमूने एकत्र किए थे। फिर इन नमूनों को विभिन्न जीएनसीटी-अनुमोदित प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा था। इनमें से अधिकांश नमूने परीक्षण के दौरान या तो घटिया पाए गए या फेल हो गए थे। एसीबी के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों में हेमंत जोशी, राहुल चौरसिया, कपिल मखीजा, कमलदीप सिंह, अरजिंदर पाल सिंह, राजेश मल्होत्रा, हरनीत सिंह बिंद्रा, शेखर, शाहिद चौधरी और बिपिन कुमार पाठक शामिल है।
टीम ने 14 फर्म का निरीक्षण किया
टीम ने 14 फर्मों का दौरा और निरीक्षण किया है। आपूर्ति विवरण वाले लैपटॉप, सीपीयू, मोबाइल फोन के साथ प्रासंगिक दस्तावेज जब्त किए हैं। साथ ही आपूर्तिकर्ताओं से इस सामान की आपूर्ति को लेकर पूछताछ की गई है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कुछ मामलों में आपूर्तिकर्ता की ओर से दिया गया लाइसेंस नंबर उनका नहीं है और न निर्माता का है। अधिकांश मामलों में वितरित वस्तुओं की बैच संख्या में भी गड़बड़ी मिली है। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों की ओर से वस्तुओं की रिसीविंग शून्य डिलिवरी या कम डिलिवरी पर भी दी गई थी। इस जालसाजी का खुलासा होने के बाद विजिलेंस ने अस्पतालों के अधिकारियों और आपूर्तिकर्ता ने पिछली तारीखों के साथ लैब रिपोर्ट की जांच की तो कई गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी को इस सामान में गड़बड़ी मिली
कॉटन बैंडेज, डीलक्स इन्फ्यूजन सेट, रोल्ड बैंडेज, एब्जॉर्बेंट कॉटन आईपी, लेटेक्स एग्जामिनेशन ग्लव्स (सेनोमिक), इन्फ्यूजन सेट (ट्राई फ्लेक्स), रोल्ड बैंडेज, नॉन स्टरलाइज्ड, वेल्प्रो डिस्पोजल सर्जिकल रबर ग्लव्स, सेफाइजर हैंड सैनिटाइजर, इन्फ्यूजन सेट से संबंधित हैं। विजिलेंस के उप सचिव राज कुमार ने संबंधित फर्म, दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एसीबी में छह शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसके आधार पर इस साल एक जनवरी को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।