हार्ट अटैक के मामले पहले बुजुर्गों में सुनाई देते थे। अब यंग लोगों की मौतें डरा रही हैं। ऐसे में ज्यादातर कार्डियोलॉजिस्ट लोगों को सतर्क रहने और लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। कार्डिएक सर्जन रमाकांत पांडा 30 हजार से ज्यादा हार्ट सर्जरी कर चुके हैं। उन्होंने एक पॉडकास्ट के दौरान बताया कि उनके पास कम उम्र में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कुछ रिस्क फैक्टर, बचने के तरीके और टेस्ट करवाने की भी सलाह दी।
क्या कोविड है हार्ट अटैक की वजह
डॉक्टर रमाकांत पांडा ने शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट पर दिल की बीमारी पर डिटेल में बात की। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद से लोग नोटिस ज्यादा कर रहे हैं लेकिन वैक्सीन या कोविड इसकी वजह नहीं है। अब लोगों में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर इन सबके मामले बढ़ गए हैं। वर्कआउट के दौरान होने वाली मौतों पर डॉक्टर ने बताया कि इसके 3-4 कारण हैं। एक बीमारी होती है जिसका नाम है कार्डियोमायोपैथी। इसमें दिल की मसल्स वीक होती हैं और लक्षण नहीं होते हैं। इसमें वर्कआउट के दौरान जब दिल पर ज्यादा स्ट्रेस पड़ता है तो ये बंद हो जाता है।
इन वजहों से है दिल को खतरा
डॉक्टर पांडा ने दूसरी वजह बताई पैदाइशी दिल में डिफेक्ट। कुछ में दिल की बीमारी है और रोजाना एक्सरसाइज करते हैं उससे अचानक ज्यादा करने लगे तो हार्ट अटैक हो जाता है। उन्होंने सलाह दी की क्षमता से ज्यादा पुश नहीं करना चाहिए। शरीर को धीरे-धीरे अडस्ट करना चाहिए। जो रोजाना एक्सरसाइज करते हैं उनको हार्ट अटैक होने या हार्ट अटैक होने के बाद कॉम्पिलेशन के चांस कम होते हैं। उन्होंने बताया कि जिम में कार्डियो करना भी अच्छा है।
रिस्क फैक्टर्स
-अगर स्मोकिंग करते हैं या किसी भी तरह की तंबाकू या शराब लेते हैं
-आप स्मोकिंग नहीं करते लेकिन आसपास स्मोकिंग करने वाले रहते हैं
-हुक्का और वेपिंग
-रातभर काम करते हैं
-ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या है
-ओवरवेट हैं
-एक्सरसाइज नहीं करते हैं
-स्ट्रेस लेते हैं
-8 घंटे से कम नींद लेते हैं
कब करवाएं टेस्ट
अगर आपको कोई रिस्क फैक्टर नहीं है तो भी 30 के बाद एक बार सारे टेस्ट करवा लेना चाहिए। जिनके रिस्क फैक्टर हैं उनको हर साल चेकअप करवाना चाहिए।
कौन से टेस्ट करवाना सही
डॉक्टर पांडा ने बताया कि रेग्युलर ईसीजी से हार्ट अटैक का पता नहीं चलता,न ही इको कार्डियोग्राम से। इको हार्ट की पंपिंग और वॉल्व की बीमारी के लिए ठीक होता है।
ब्लॉकेज का पता स्ट्रेस टेस्ट से चलता है। इसके अलावा एंजियोग्राम से भी ब्लॉकेज का पता लगाते हैं। डॉक्टर पांडा ने कहा कि सीटी एंजियो अच्छा है पर वह सलाह नहीं देंगे क्योंकि उससे बॉडी में रेडिएशन जाता है और एक्युरेसी उतनी ठीक नहीं होती। डॉक्टर पांडा ने किसी एक्सपर्ट से बात करने के बाद ये टेस्ट करवाने की सलाह दी।