मुंबई:महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों के बीच जारी दरार की अटकलों को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने खारिज कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वे गुरुवार को लातूर में किसानों के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कैबिनेट की बैठक से जल्दी चले गए थे। उन्होंने कहा कि उनके और सीएम एकनाथ शिंदे या महायुति में किसी के बीच कोई मनमुटाव नहीं है।
वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर कटाक्ष किया। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अजीत पवार को दरकिनार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गुरुवार को कहा गया था कि अजीत पवार कैबिनेट की बैठक से जल्दी चले गए और बाद में 38 फैसले लिए गए। वहां मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जब बड़े वित्तीय फैसले लिए गए, तब वित्त विभाग का प्रभार संभाल रहे अजीत पवार गायब थे।
अजीत पवार ने कहा, “कैबिनेट की बैठक देर से शुरू हुई और मुझे पहले से तय बैठक के लिए निकलना पड़ा। कैबिनेट की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह देर से शुरू हुई। मुझे नांदेड़ पहुंचने के लिए फ्लाइट लेनी थी और फिर किसानों की बैठक में भाग लेने के लिए अहमदपुर के लिए हेलिकॉप्टर से जाना था। इसलिए मैंने सीएम एकनाथ शिंदे और डीसीएम फडणवीस को सूचित किया और फिर वहां से निकल गया।”
वहीं, वडेट्टीवार ने कहा, “यह बात सामने आ रही है कि कैबिनेट की बैठकों में हमेशा विवाद होते रहते हैं, लेकिन यह विवाद राज्य के हित के लिए नहीं है। यह विवाद स्वार्थ के लिए होता है। खजाने में पैसे नहीं होने के बावजूद 80 फैसले लिए गए। अजीत पवार ने वित्त विभाग को अनुशासित करने की कोशिश की। हाल ही में वित्तीय अनुशासन को कमजोर किया जा रहा है। महायुति राज्य को कंगाल कर देगी। इसलिए अजीत पवार ने कैबिनेट की बैठक से बाहर निकलने का फैसला किया।”
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि महायुति में सब कुछ कभी ठीक नहीं रहा। राउत ने कहा, “केवल शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के लिए एक अवैध सरकार बनाई गई थी। देवेंद्र फडणवीस की कोई परवाह नहीं करता, क्योंकि सीएम की अब अमित शाह से सीधी पहुंच है।”